रायगढ़। छ.ग.शासन स्कूल शिक्षा विभाग के मंशानुरूप आज 19 अक्टूबर को शासकीय रविशंकर प्राथमिक शाला रायगढ़ में पालक -शिक्षक बैठक का आयोजन शाला प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष इतवार सिंह की अध्यक्षता में, वार्ड पार्षद श्रीमती रंजना कमल पटेल, शिक्षाविद् पूर्णानंद शर्मा के विशिष्ट आतिथ्य में संकुल प्राचार्य श्रीमती दीप्ति अग्रवाल के मार्गदर्शन एवं संस्था प्रमुख डॉ.मनीषा त्रिपाठी के नेतृत्व में किया गया, जिसमें शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों सहित शाला में अध्ययनरत बच्चों के पालक बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।मंचासीन अतिथियों से अनुमति प्राप्त कर प्रधान पाठक डॉ.मनीषा त्रिपाठी ने बैठक प्रारंभ किया गया, सर्व प्रथम मंचासीन अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ भेंट कर प्रधान पाठक डॉ.मनीषा त्रिपाठी एवं शालेय शिक्षकों द्वारा किया गया। बैठक में शाला एवं विद्यार्थियों के हित एवं विकास हेतु पांंच उद्देश्यों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा एवं त्रैमासिक आकलन परीक्षाफल की समीक्षा की गई। त्रैमासिक आकलन में कक्षावार प्रथम स्थान प्राप्त किए विद्यार्थियों को मंचासीन अतिथियों द्वारा शालेय परिवार की ओर से पुरस्कृत भी किया गया।
उल्लेखनीय है कि पालकों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने, उन्हें बच्चों की प्रगति से अवगत कराने एवं बच्चों में भविष्य की संभावनाओं का आकलन कर बेहतर परिणाम के लिए पालक -शिक्षक बैठक का आयोजन प्रस्तावित था जिसमें प्रस्ताव के प्रथम चरण में बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवं सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय एवं पालक स्तर पर रणनीति तैयार की गई जिसके लिए विद्यालय की भॉंति घर में समय-विभाग चक्र बनाकर पालकों की निगरानी में बच्चों द्वारा क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया। प्रस्ताव के द्वितीय चरण में बच्चों की समस्त गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए उसके विषय में बिंदुवार चर्चा की गई जिसके तहत् मासिक मूल्यांकन, त्रैमासिक आकलन,लंबी अनुपस्थिति वाले बच्चों की सूची व उनकी शाला में उपस्थिति हेतु किए गए प्रयास, छात्रवृत्ति स्वीकृति संबंधी जानकारी, पाठ्य-पुस्तक, गणवेश प्रदाय आदि को शामिल किया गया।एन ए एस(राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण),परख, नवोदय प्रवेश परीक्षाओं से संबंधित जानकारी दी गई। प्रस्ताव के तृतीय चरण में बच्चों में पढ़ाई के प्रति सकारात्मक वातावरण बनाने हेतु पाठशाला की भॉंति घर में भी पालकों द्वारा बच्चों को अपनी निगरानी में पढऩे के अवसर प्रदान करने का अनुरोध किया गया।
प्रस्ताव के चतुर्थ चरण में ई ग्रेड प्राप्त बच्चों की समीक्षा की गई तथा उनके पालकों को बच्चों को पठन के लिए प्रेरित करने की समझाइश दी गई। प्रस्ताव के पॉंचवे चरण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर चर्चा की गई तथा लम्बे समय से अनुपस्थित बच्चों के पालकों से चर्चा की गई। इसी अनुक्रम में बच्चों के लिए घर में भी पढऩे का स्थान चिह्नांकित करना, बच्चों की दिनचर्या सुनिश्चित करना, प्रतिदिन बच्चों से विद्यालयीन शिक्षण व गतिविधियों पर चर्चा करना, पाठ्य-पुस्तक सहित विभिन्न पुस्तक उपलब्ध कराना, शनिवार को बैगलेस कार्यक्रम बच्चों का पोषण व स्वास्थ्य परीक्षण, जाति, आय व निवास प्रमाण पत्र, मध्याह्न भोजन, न्यौता भोज, प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु प्रेरित करना, मुस्कान पुस्तकालय की उपयोगिता आदि बिंदुओं पर सार्थक चर्चा की गई।
त्रैमासिक आकलन में जिन बच्चों के प्राप्तांक जिन विषयों में कम है उसे दृष्टिगत रखते हुए उस विषय में बच्चों को एफ.एल.एन. के लक्ष्यों के आधार पर उपचारात्मक शिक्षण देने तथा विद्यार्थी विकास सूचकांक में उसकी प्रगति के विषय में चर्चा की गई जिसके परिणामस्वरूप छ:माही एवं वार्षिक परीक्षा की तैयारी भली-भांति हो सके व परीक्षा परिणाम बेहतर हो।
अपार आई डी के बारे में रूपेश कुमार मेहर सहायक शिक्षक ने जानकारी देते हुए बताया गया कि शाला में अध्ययनरत सभी बच्चों को भारत सरकार द्वारा 12 अंकों की यूनिक आईडी दी जाएगी। इसमें बच्चों की संपूर्ण शैक्षिक जानकारी होगी। अपार आई डी बनाने के पूर्व आधार कार्ड अपडेट करवाना होगा। बच्चों के माता -पिता की सहमति आवश्यक है। माता -पिता की सहमति मिलने पश्चात् ही अपार आई डी कार्ड बनाया जावेगा, बताया गया। बैठक में पालकों का सुझाव लेते हुए उनकी शंकाओं का समाधान भी किया गया। उपस्थित सभी जनों ने आज के कार्यक्रम सह बैठक की भूरि -भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि बीच-बीच में पालक -शिक्षक सम्मेलन आयोजित होना चाहिए, हम सब आज शाला में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। शालेय परिवार द्वारा स्वल्पाहार की शानदार व्यवस्था की गई थी। आज के बैठक में 12 शाला प्रबंधन समिति के सदस्य 1 जनप्रतिनिधि, 76 पालकों एवं शालेय परिवार की उपस्थिति रही। वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती भावना दुबे द्वारा आभार प्रदर्शन एवं छायांकन श्री रुपेश कुमार मेहर द्वारा किया गया।