रायपुर। पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों के लिए नक्सली बस्तर के गांवों में बम लगा देते हैं। जैसे इन बमों पर किसी का पैर पड़ता है ये ब्लास्ट हो जाते हैं। इस बम का शिकार आम गांव वाले भी होते हैं। ऐसे ही कुछ आदिवासी परिवार के लोगों के साथ हुआ। नक्सलियों की लगाई आईईडी (इंप्रोवाइज एक्सप्लोसिव डिवाइस) की वजह से इनके पैर ब्लास्ट में कट गए। अब ये गांव वाले बस्तर की धरती पर हौसले के कदम रख रहे हैं। प्रशासन की मदद से इन्हें कृत्रिम पैर मिले हैं। नक्सलियों ने इन गांव वालों को चलना तक दूभर कर दिया। लेकिन अब ये गांव वाले मजबूती से अपनी जमीन पर पैर जमा रहे हैं। कृत्रिम टांगों के सहारे चलकर ये लोग रायपुर में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात करने पहुंचे थे। ये ग्रामीण वनोपज संग्रहण या खेती करते हैं। अपने डेली रूटीन में ये जंगलों के रास्ते गुजरते समय नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी बमों में ब्लास्ट की अलग-अलग घटनाओं के शिकार हो गए थे।
अब सरकार ने इनकी मदद की है। पहले चरण में नक्सल हिंसा प्रभावित ऐसे 6 लोगों को रायपुर के माना में फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर में इन कृत्रिम पैरों के साथ चलने और जीने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। बस्तर के गांवों में इस तरह ब्लास्ट में पैर गंवाने वालों को इसी तरह कृत्रिम पैर की मदद मुहैया करवाई जाएगी। बीजापुर के खैरकम जोगा ने बताया कि जिंदगी एक नई करवट ले रही है। हम अच्छा महसूस कर रहे हैं। कदम-कदम पर किसी और के सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिंदगी में अब आगे बढऩे और कुछ हासिल करने की सोच सकते हैं। हालांकि नक्सलियों ने जो छीना है उसकी भरपाई नहीं हो सकती।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस खास मुहिम के लिए समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। आईईडी ब्लास्ट में अपने अंग खोने वाले ग्रामीणों का समाज कल्याण विभाग के सहयोग से ऐसे कृत्रिम अंग लगाने का काम होगा। इसकी शुरुआत इन 6 ग्रामीणों के साथ हुई है। इनमें गुड्डू लेकाम बीजापुर, अवलम मारा बीजापुर, सुक्की मडक़म सुकमा, सोमली खत्री बीजापुर, खैरकम जोगा बीजापुर, राजाराम बीजापुर जैसे आदिवासी ग्रामीण शामिल हैं। हाल ही में बस्तर क्षेत्र के लगभग 70 नक्सल पीडि़तों ने बस्तर शांति समिति की पहल पर सितंबर में दिल्ली जाकर जंतर-मंतर में प्रदर्शन करने के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें आप बीती बताते हुए बस्तर में शांति की गुहार लगाई थी। दिल्ली से लौटकर आए तो उप मुख्यमंत्री शर्मा ने पीडि़तों से मुलाकात की थी और आईईडी ब्लास्ट में पैर गंवा चुके पीडि़तों के कृत्रिम पैर लगवाने के निर्देश दिए अफसरों को दिए थे।