रायगढ़। एलायज उद्योग में काम करने वाले एक कर्मचारी की सेफ्टिक टैंक में संदिग्ध लाश मिली है, जिसकी सूचना पर पुलिस ने मामले को विवेचना में लिया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सक्ति जिला के बाराद्धार थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम किरारी निवासी चरण सिंह मांझी पिता शालीक राम मांझी (47 वर्ष) विगत चार साल से चक्रधरनगर थाना क्षेत्र के ग्राम भेलवाटिकरा स्थित के.एन. स्टील एण्ड एलायज उद्योग के अंदर ही अपनी पत्नी के साथ रहते हुए दोनों काम करते थे। बताया जा रहा है कि इस प्व्लांट में फ्लाईएश को छानकर लोहा निकालते हैं, जिसे वापस फिर से प्लांट में बेचा जाता है। ऐसे में विगत 9 अक्टूबर को शाम को काम खत्म होने के बाद किसी काम से बाहर निकला था, लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटा, ऐसे में उसकी पत्नी रात में काफी खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला ऐसे में उसने अपने परिचितों से भी जानकारी ली पर कुछ पता नहीं चला ऐसे में 10 अक्टूबर को शाम करीब तीन बजे गांव के ग्रामीणों ने देखा कि उद्योग के पास ही एक नवनिर्मित भवन के बाहर खुले सेफ्टिक टैंक में भरे पानी में एक लाश दिखाई दिया, जिससे इसकी सूचना उद्योग संचालक दीपक चटर्जी को दिया, जिससे उसने मृतक के पत्नी को लेकर मौके पर पहुंचा तो उसकी पहचान चरण मांझी के रूप में हुई, जिससे घटना की सूचना पर चक्रधरनगर पुलिस ने शव को पानी से निकालकर जिला अस्पताल भेजा, जहां शुक्रवार को मर्ग कायम कर पीएम उपरंात शव परिजनों को सौंप दिया है।
शासकीय कर्मचारी बना रहा था भवन
इस संबंध में उद्योग मालिक दीपक चटर्जी ने बताया कि उसके उद्योग के बाजू में ही वन विभाग में काम करने वाला लखन यादव विगत कई माह से वहां पर भवन बना रहा है, जिससे उसके द्वारा बाहर में सेफ्टिक टैंक की खोदाई कर विगत कई माह से खुला छोड़ दिया गया है, जिसको लेकर कई बार उसे बोला गया था कि इसे ढंक दे, नहीं तो कभी कोई हादसा हो सकता है, लेकिन उसने लापरवाही पूर्वक छोड़ दिया गया था, जिससे बरसात के चलते उक्त टैंक में पूरा पानी भरा था, जिससे रात के अंधेरे में जाते समय उसने गड्ढे में गिर गया और उसकी मौत हो गई।
श्रमिकों का नहीं है ईएसआईसी
उल्लेखनीय है कि उद्योग संचालक दीपक चटर्जी द्वारा विगत कई साल से उद्योग संचालन किया जा रहा है, जिससे यहां हमेशा दर्जनभर कर्मचारी काम करते हैं, लेकिन आज तक किसी भी कर्मचारी का न तो ईएसआईसी में नाम दर्ज है और न ही उनका ईपीएफ है। ऐसे में जब उद्योग मालिक दीपक चटर्जी से बात की गई तो उसका कहना था कि हमारा छोटा उद्योग है, इस कारण श्रम विभाग में इनका पंजीयन नहीं कराया है।
उद्योगकर्मी की सेफ्टिक टैंक में मिली संदिग्ध लाश
मामले की जांच में जुटी पुलिस
