रायगढ़। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी शहर में डेढ दर्जन से भी अधिक स्थानों पर भव्य दुर्गा पंडालों का निर्माण कराया गया है। सार्वजनिक दुर्गा उत्सव के लिए शहर लगभग पूरी तरह विद्युत झालरों से सज गया है और भव्य पंडालों का निर्माण भी अंतिम चरण में है। जहां सप्तमी के दिन पूजा अर्चना पश्चात मां देवी की विशाल प्रतिमाओं स्थापना की जाएगी। घट स्थापना से पूर्व आज मंगलवार की सुबह से देर शाम तक पूरे दिन कलश यात्रा का दौर चलता रहा। जिसमें युवतियां व महिलाएं भारी संख्या में कलश यात्रा में शामिल हुई।
शारदीय नवरात्रि शुरू होते ही रायगढ़ शहर में दुर्गा पूजा की तैयारियां जोर शोर से शुरू हो गई है, इस पूजा के लिए शहर के हर चौक-चौराहों में बडे-बडे पंडाल के अलावा सजावट का दौर भी शुरू हो गया है। शहर के विभिन्न समितियों ने अपने-अपने तरीके से भव्य एवं आकर्षण पंडालों को सजाने के लिए अलग-अलग डिजाईन भी बनाना शुरू कर दिया है। समितियों के मुख्य पदाधिकारियों की मानें तो बीते कई सालों से रायगढ़ में मनाया जाने वाला दुर्गा उत्सव ओड़ीसा तथा झारखण्ड से कहीं बेहतर ढंग से मनाया जाता है और लगभग सौ से अधिक समितियों के द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में तीन दिनों तक मां दुर्गा पूजा की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है जो कि सप्तमी से शुरू होकर दशहरा उत्सव तक होती है। समिति के पदाधिकारियों की मानें तो बीते कई सालों से उनके क्षेत्रों में दुर्गा पूजा की जाती रही है।
चक्रधर नगर चौक, बोईरदादर चौक, मिनी माता चौक, जूटमिल, स्टेशन चौक, संडे मार्केट, कालीबाडी, दरोगापारा, सत्तीगुडी चौक, कोतरा रोड़, कार्मस कालेज के पास, पुलिस लाईन, लक्ष्मीपुर चौक, ढिमरापुर, आजाद हिंद नव युवक कला समिति रामभांठा, युवक संघ धांगरडीपा, बस स्टैण्ड चौक, हंडी चौक, पुरानी हटरी बाजार, गांजा चौक, पैलेश रोड़, आदि में भव्य पंडालों का निर्माण कर सार्वजनिक दुर्गा पूजा उत्सव की तैयारियां पूरी की जा रही है। इन भव्य पंडालों में देवी दुर्गा की विशाल और आकर्षक प्रतिमाओं को स्थापित करने के लिए आज पूरे दिन कलश यात्रा का दौर चलता रहा। अधिकांश स्थानों पर देवी दुर्गा की मूर्ति लाई जा चुकी है और कल दोपहर विधिवत पूजा अर्चना पश्चात मूर्ति की स्थापना पंडितों के द्वारा कराई जाएगी।