रायगढ़. नवरात्र पर्व को लेकर जिला जेल में बंद बंदियों द्वारा कलश स्थापना कर मां दुर्गा की अराधना कर रहे हैं। जिससे इन दिनों जेल का माहौल पूरी तरह से भक्तिमय नजर आ रहा है।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों शहर सहित अंचल में नवरात्र की धूम तो मची ही है, साथ ही जिला जेल में भी जबरदस्त माहौल बना है। वहीं इन दिनों जेल के अंदर भी पूरे दिन माता के जयकारे से गूंजायमान हो रहा है। साथ ही सुबह-शाम माता के गीत मादर की थाप सुनाई दे रही है। इस संबंध में जेल में बंद कैदी व विचाराधीन बंदियों ने बताया कि वे जेल के अंदर उपवास रहकर न केवल मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर रहे हैं बल्कि अपने अपराधों के लिए जगत जननी माता से क्षमा याचना भी कर रहे हैैं, ताकि यहां से निकलने के बाद फिर इस तरह गुनाह न हो सके। वहीं जेल प्रबंधन ने बताया कि नवरात्र के पहले ही दिन से यहां पूरी श्रद्धा के साथ पूजा की जा रही है। ऐसे में पहले दिन 8 महिलाएं और 78 पुरूषों ने उपवास रखते हुए पूजा-अर्चना की थी। इसके बाद दूसरे दिन 44 पुरूष, तीसरे दिन में 8 महिलाएं और 45 पुरूषों ने व्रत रखा था। साथ ही हर दिन लगभग इतने महिला-पुरुष व्रत रख रहे हैं। वहीं कई वंदी षष्ठी, सप्तमी व अष्ठमी को व्रत रखने वाले हैं। वहीं सुबह-शाम पंडितों द्वारा माता की पूजा कराई जा रही है, जिसमें सभी महिला-पुरुष बंदी शामिल होकर माता के जयकारे लगा रहे हैं। वहीं, पूजा के बाद सुबह-शाम मादर की थाप पर बंदियों द्वारा माता के पचरा गीत गाकर उनको प्रसन्न करने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार जेल के एक बैरग को नवरात्र के पहले साफ-सफाई कर माता का आसन लगाया गया है, साथ ही यहां ज्योत भी प्रज्वलित किया गया है, जो पूरे नौ दिनों तक जलेगा। साथ ही सुबह-शाम बंदियों द्वारा पूजा-पाठ व महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है। इस संबंध में बंदियों का कहना था कि जेल के अंदर अब हर त्यौहार पूरी श्रद्धा से मनाई जा रही है, जिसको लेकर मन में काफी शांति मिलती है।
अपराधों के लिए मांग रहे क्षमा
जेल में बंद कैदी धार्मिक आस्था का पालन करते हुए नवरात्र भर मां दुर्गा का उपासना करते हुए अपने किये गए अपराधों का मां दुर्गा से क्षमा मांगते हुए पश्चाताप कर रहे हैं। साथ ही साथ अपने घर परिवार के लिये आशीर्वाद मांग रहे हैं, ताकि वे लोग भी प्रसन्न रहे।
नास्ता का बेहतर व्यवस्था
इस संबंध में जेलर एसपी कुर्रे ने बताया कि उपवास रखने वाले बंदियों को हर दिन फल, साबूदाना, उबला आलू के अलावा उनके मांग के अनुरूप फलहार की व्यवस्था की गई है। ताकि उनको समस्या का सामना न करना पड़े। साथ ही सुबह-शाम प्रसाद भी उपलब्ध कराया जा रहा है।