रायगढ़। आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त सुरेश पी. अत्री शनिवार को वार्षिक निरीक्षण में रायगढ़ आरपीएफ थाना पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने विभागीय कमियों और त्रुटियों को सुधारने तथा सुरक्षा उपायों को मजबूर करने के लिए जवानों की क्लास लगाई। साथ ही कर्मचारियों की समस्याओं को ध्यान पूर्वक सुनते हुए उसे जल्द दूर करने की बात कही।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को बिलासपुर आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त सुरेश पी. अत्री वार्षिक निरीक्षण में रायगढ़ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि कैसे तत्कालिक संसाधनों का सही उपयोग करके बेहतर सुरक्षा व्यवस्था प्रदान की जा सकती है। साथ ही सभी जवानों को एक साथ तैनात कराकर यह जानकारी लिया कि अगर कोई रेल हादसा होता है तो उस स्थान पर तत्काल पहुंच कर कैसे सुरक्षा का इंतेजाम करते हुए घायलों को अस्पताल तक पहुंचा जा सकता है।
इसके लिए उन्होंने मॉक ड्रिल के दौरान सुरक्षा से जुड़े कई उपकरणों और प्रणालियों की जानकारी दी। जिसमें गोल्डन आवर, रोप, क्यू मैनेजर, फ्लोसेन टैप, लाउड स्पीकर, फर्स्ट एड बॉक्स और लिमिनेशन जैकेट जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों के उपयोग पर चर्चा किया। एएसई सुरेश अत्री ने बताया कि गोल्डन आवर वह समय होता है जिसमें घायल व्यक्ति को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान करना बेहद जरूरी होता है। समय पर दी गई प्राथमिक चिकित्सा से घायल यात्री की जान बचाई जा सकती है। इसके अलावा, मॉक ड्रिल के दौरान कर्मचारियों को आपातकालीन स्थितियों में कैसे कार्य करना है, इसका भी प्रशिक्षण दिया।
एएसई ने विभागीय कर्मचारियों को क्लास लगाते हुए एक-एक करके सभी कर्मचारियों से मॉक ड्रिल के बारे में जानकारी लिया, इस दौरान कई जवान उनके द्वारा पूछे गए सवालों को सही जवाब नहीं दे पाए, जिससे उन्हें पूरी विस्तार से समझाईश देते हुए कहा कि हर जवान ड्यूटी के दौरान पूरी चुस्ती से तैनात रहे, साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को इतनी मजबूत रखें कि कहीं रेल हादसा हो तो किसी प्रकार की परेशानी न हो और अगर कोई घायल होता है तो उसे बगैर किसी के इंतजार किए, तत्काल अस्पताल तक पहुंचाए, ताकि उसकी जान बच सके।
रेलवे के सुरक्षा उपायों को मजबूत करें-अत्री
आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त ने किया थाना का निरीक्षण, जवानों की लगाई क्लास
