रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा- जब तक नशा न छूट जाए तो वह किसी के सामने भी नशा करने से बचे ताकि उसकी वजह से कोई और नशे के लिए दुष्प्रेरित न हो। हम सब कई बार देखते हैं कि सार्वजनिक स्थानों पर लोग नशा करते हैं। कई लोग ऐसे होते हैं कि वह नशा के आदी होते हैं, छोड़ नहीं पाते और परिवार के लोगों के सामने नशा करते हैं। उन्हीं के घर में रहने वाले लोगों और उनके बच्चों को लगता है कि हम भी नशा करके देखें कि इससे क्या होता है? सार्वजनिक स्थानों पर भी इस तरह नशाखोरी होने से कहीं-न-कहीं लोगों में इसके प्रति आकर्षण होता है। इसे बंद करने की जरूरत है। ये बातें उन्होंनें रविवार को रायपुर में आयोजित नशा मुक्ति अभियान कार्यक्रम में कहीं। इस अभियान को नाम दिया गया है- ‘आओ मिलकर स्वस्थ छत्तीसगढ़ बनाएँ, प्रदेश के युवाओं को नशे से मुक्त कराएं’। सिविल लाइंस स्थित एक ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में शदाणी दरबार के संत शिरोमणि नवम् ज्योत् डॉ साईं युधिष्ठिर लाल महाराज, व भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी,विधायक पुरंदर मिश्रा, भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने लोगों को सम्बोधित किया। इस अभियान की शुरुआत करने वाले भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने बताया- जनता को नशे से दूर करने, कैंसर और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों से बचाने, उन्हें सरकारी इलाज की सुविधाएं देने के लिए इस अभियान को प्रदेश में चलाया जाएगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मेकाहारा के कॉर्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. स्मित अग्रवाल ने कहा कि हृदयरोग से बचने के लिए कम उम्र से ही प्रयास करना चाहिए। धूम्रपान, तम्बाखूयुक्त गुटखा, शराब और जंक फूड से दूर रहना चाहिए। ब्लडप्रेशर, कोलोस्ट्रॉल और शुगर को रखना चाहिए। 80 साल तक जीवित रहने के लिए लो ब्लड प्रेशर 80 होना चाहिए, सुबह जागने पर शुगर लेवल 80 होना चाहिए, प्रतिदिन 80 मिनट व्यायम करना चाहिए, अपनी कमर का नाप 80 सेंटीमीटर या उससे कम रखना चाहिए, विटामिन-डी के लिए एक माह में 80 मिनट धूप का सेवन करना चाहिए, नशीले पदार्थों व जंक फूड से 80 कदम दूर रहना चाहिए। संत डॉ. युधिष्ठिर लाल महाराज ने कहा कि डॉक्टर का काम है, तन स्वस्थ रखना और संतों का काम है मन को स्वस्थ रखना। तन और मन स्वस्थ होने से ही आप अपनी मंजिल को पा सकते हैं। जिस प्रकार से युवा पीढ़ी आज नशे की गिरफ्त में है, इसे यहां रोकने की जरूरत है और इस प्रकार के कार्यक्रम लोगों को निश्चित तौर पर जागरूक करेंगे। पू. संत महाराज ने सभी से अपील की की कोशिश करें कि न आप स्वयं नशा करें, न किसी को नशा करने अवसर दें और न ही नशीले पदार्थों का आप व्यापार करें। आपका यह सहयोग भारत को स्वस्थ बनाएगा, भारत जब स्वस्थ भारत बनेगा तो ही विश्व गुरु भारत बन सकता है।
कार्यक्रम के संयोजक अमित चिमनानी ने आँकड़े रखते हुए बताया कि यह अभियान एक लाइन नहीं, बल्कि एक संघर्ष है। नशा मुक्ति कहने को तो छोटा शब्द है किंतु यह बहुत ही मुश्किल काम है, लेकिन यह असंभव भी नहीं है। इसी नशे की वजह से आज हर चौथे आदमी की मृत्यु अटैक से हो रही है और अन्य कई कार्यों की वजह से भी लोग बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं। इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। साथ ही, कैंसर के आँकड़े देते हुए श्री चिमनानी ने कहा कि 3 सालों में कैंसर के लगभग 25 लाख मरीज मिले हैं और इतने ही लोगों की तीन सालों में मृत्यु हो गई है। ऐसे में जो भी व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, उनका परिवार संघर्ष कर रहा है। इलाज कराने में उन्हें काफी आर्थिक कठिनाइयों को सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में यह कार्यक्रम न केवल इन बीमारियों से ही बचने के लिए जागरूक करता है बल्कि इन बीमारियों का सरकारी इलाज कहां पर कैसे होता है, इस पर जानकारी दे रहा है जिससे निश्चित तौर पर लोगों को लाभ मिलेगा।
भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि आजकल हम सभी बहुत व्यस्त हैं। ऐसे में हम शायद यह सोच नहीं पाते की हम क्या कर रहे हैं? हमें शांत बैठकर सोचने की जरूरत है कि आखिर कि हमारा प्रदेश और देश कहां जा रहा है? नशे की गिरफ्त में लोग आने से कैसे बचें, कैसे गरीब व्यक्ति की मदद हो, कैसे किसी का परिवार तबाह होने से बचे, इसके लिए काम करने वाले लोग निश्चित तौर पर ईश्वर की कृपा के पात्र होते हैं। ऐसे कार्यक्रमों में सहभागी बनकर आना एक सुखद ही फल है। हम सभी मिलकर अगर इस दिशा में प्रयास करें तो कुछ लोगों के परिवार को उजडऩे से जरूर बचा पाएंगे। भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने नशा मुक्ति की अपनी यात्राओं के बारे में बताते हुए कहा कि आने वाले साल में वे फिर से नशा मुक्ति के लिए यात्रा करेंगे और सभी को प्रेरित करेंगे। नशा करने वाला व्यक्ति न केवल अपनी सेहत खराब करता है बल्कि वह अपने परिवार को मिलने वाले हक को भी मारता है। परिवार के लिए जो पैसे इस्तेमाल हो सकते हैं, उस पैसे का वह नशा कर लेता है जिससे वह परिवार के लोगों का भी अपना जीवन बहुत ही संघर्ष में बीतता है। नशा करने वालों को जरूरत है कि नशा बंद करें और उस पर जो होने वाले खर्च हैं, उसे परिवार व राष्ट्र के उपयोग में लाएँ। एम्स के ऑन्कोलॉजी विभाग के असि. प्रोफेसर डॉ. अमित अग्रवाल ने सलाह दी कि शरीर में सामान्य की तुलना में मुँह में छाला, मुँह का कम खुलना, बहुत दिनों से खाँसी, बहुत दिनों से पीलिया, महिलाओं के स्तन में गाँठ, महिलाओं में अनियमित माहवारी या अधिक रक्तस्राव जैसा कोई भी परिवर्तन दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क कर उन्हें बताएँ। जानकारी ही बीमारियों से बचाव है। ये सब कैंसर के लक्षण हो सकते है इसे हल्के में न ले।
मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी ने राज्य शासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी देते हुए कहा कि नशे, खासकर तम्बाखू की लत से बचाव और छुटकारा पाने के लिए सभी जिला अस्पतालों में स्पर्श केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जहाँ नि:शुल्क दवा दी जाती है। मधुमेह के रोगियों को नि:शुल्क इन्सुलिन और ग्लूकोमीटर दिए जा रहे हैं। इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों व जिला अस्पतालों में सम्पर्क किया जा सकता है। इसी प्रकार जिनका आयुष्मान कार्ड नहीं बना हो, वे तत्काल इसे बनवाएँ जिसमें 50 हजार से 5 लाख रुपए तक नि: शुल्क उपचार शासकीय व पंजीकृत निजी अस्पतालों में किया जा रहा है। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के प्रदेश अध्यक्ष महेश दरयानी, भारतीय सिंधु सभा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष लधाराम नैनवानी, बढ़ते कदम के अध्यक्ष सुनील छतवानी, महावीर नगर पंचायत के अजय जैसिंघानी बतौर विशेष अतिथि मौजूद रहे, सीए अमिताभ दुबे और शदाणी दरबार से आए लोग भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।