रायगढ़। रायगढ़ की सबसे बड़ी हाऊसिंग सोसायटी को लेकर मचे विवाद पर सहकारी संस्थाओं के उपपंजीयक ने बड़ा फैसला लेते हुए अटल विहार गृह निर्माण रख-रखाव समिति को भंग कर दिया है और समिति का प्राधिकृत अधिकारी सहकारी निरीक्षक अविनाश कश्यप को नियुक्त किया है।
विभाग की ओर से जारी आदेश में यह स्पष्ट उल्लेख है कि अटल विहार समिति के पूर्व अधिकारियों द्वारा छत्तीसगढ़ सहकारिता अधिनियम व संस्था पंजीकृत उपविधि के प्रावधानों एवं नियमों का अवहेलना किया जा रहा है। संचालक मंडल द्वारा घोर लापरवाही पूर्वक कार्य कर अपने कर्तव्यों के पालन में घोर उपेक्षा कर समिति को साख के साथ-साथ अर्थिक क्षति पहुंचाई है। अतरू इन्हें अपने पद पर बने रहने के लिये अयोग्य घोषित किया जाता है।
जाँच में यह भी पुष्ट हुआ कि संस्था के पदाधिकारियों ने संस्था के मूलभूत सुविधाओं जैसे साफ-सफाई, पानी, सुरक्षा, लिफ्ट, बिजली आदि की सुविधाएं सदस्यों को देने में नाकाम रही। सहकारिता अधिनियम के तहत दस्तावेजों का संधारण किया जाना नहीं पाया गया। संस्था ने कार्रवाई पंजी के गुम होने की सूचना पुलिस को दी पर विभाग को नहीं दी, साथ ही संस्था के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष तथा अन्य पदाधिकारी को अविश्वास प्रस्ताव के तहत हटा कर नये अध्यक्ष उपाध्यक्ष का मनोनयन कर कार्य संचालन किया जा रहा है जो कि छ.ग.सहकारी निवार्चन आयोग के नियमों के प्रतिकूल है।
क्या है पूरा मामला
छग हाऊसिंग बोर्ड द्वारा कोतरारोड अटल बिहार योजना के तहत 496 मकानों का निर्माण कराया गया है जिसके विकास और रखरखाव हेतु 1 करोड़ रुपए हाऊसिंग बोर्ड के पास जमा थी जिसे कॉलोनी की समिति गठित होने के बाद सुरक्षा निधि के नाम पर बनाए गए फंड को कॉलोनी के विकास और रखरखाव हेतु समिति को हस्तांतरित कर दिया गया था लेकिन अब कॉलोनी में ही रहने वाले कुछेक लोगों द्वारा वित्तमंत्री ओपी चैधरी से लिखित शिकायत की गई है कि समिति के सक्षम पदाधिकारियों द्वारा लाखों रुपए की धांधली की गई है जिसके बाद मंत्री ओपी चैधरी ने कथित घोटाले के निष्पक्ष जांच कराने हेतु सहकारिता विभाग के उपायुक्त श्री जायसवाल को निर्देशित किया गया और इसी तारतम्य में सहकारिता विभाग के उपायुक्त जायसवाल द्वारा दो विस्तार अधिकारियों की अगुवाई में एक जांच टीम का गठन किया गया जिनके द्वारा गत 15 सितंबर को शिकायतकर्ताओं के बयान लेने बाद समिति के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए रोकड़ पंजी, पंजीयन पंजी, कार्यवाही पंजी, जनरल लेजर, वसूली पंजी, आय व्यय से संबंधित जरूरी सभी प्रमाणिक दस्तावेज और बैंक स्टेटमेंट सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज के साथ प्रस्तुत होने को कहा गया था जिसमें तत्कालीन समिति के अध्यक्ष और सचिव द्वारा सभी आवश्यक दस्तावेज जांच समिति को उपलब्ध कराए जाने की बात सामने आई थी।