रायगढ़। स्टार हेल्थ एण्ड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से स्टार कम्प्रेशिव इंश्योरेंस पालिसी के तहत स्वास्थ्य बीमा कराने के बाद बीमार होनें पर कंपनी के द्वारा बीमा क्लेम निरस्त करने के मामले में उपभोक्ता फोरम ने आवेदक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बीमा की राशि और मानसिक क्षति तथा वाद व्यय के रूप में बीमा कंपनी को जुर्माने से दंडित किया है।
प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक के पिता अजय कुमार अग्रवाल ने अपने एवं अपने बच्चों के लिये बालाजी काम्पलेक्स रोया अपार्टमेंट चेन्नई, प्रांतीय शाखा एसएस बीसी टावर व्यापार विहार बिलासपुर से स्टार कम्प्रेशिव इंश्योरेंस पॉलिसी को 37 हजार 170 रूपये देकर अजय कुमार अग्रवाल के संपूर्ण परिवार जिसमें स्वयं सहित उनकी पत्नी ममता अग्रवाल एवं उसका छोटा भाई अभय जिंदल भी शामिल है। पॉलिसी के शर्तो के अनुसार 03 जून 2020 से 02 जून 2021 तक लिये 7 लाख 50 हजार बीमा कृत था। आवेदक द्वारा 09 अक्टूबर को कोविड 19 से पीडि़त होनें के कारण उसे इलाज हेतु अपैक्स स्पेशिलिस्ट अस्पताल एण्ड आईबीएफ सेंटर ले जाया गया जहां 20 अक्टूबर तक भर्ती रहा। इस दौरान अस्पताल ने उसे 1 लाख 40 हजार रूपये का बिल दिया। जिसका आवेदक ने संपूर्ण इलाज के बिल सहित क्लेम फार्म भरकर अनावेदकगण बीमा कंपनी को क्लेम हेतु भेजा। जिसे यह कहकर निरस्त कर दिया गया कि उक्त कोविड 19 होम आईशुलेशन का था, उसे भर्ती की आवश्यकता नही थी। जिससे आवेदक को अपूरणीय क्षति होने के साथ-साथ मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस मामले में उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम में आवेदक द्वारा वाद दायर करने के बाद फोरम के अध्यक्ष छमेश्वर लाल व सदस्यगण राजेन्द्र पाण्डेय व श्रीमती राजश्री अग्रवाल ने बीमा कंपनी को सेवा में कमी का दोषी पाया और अपने निर्णय में आवेदक को 1 लाख 22 हजार 694 रूपये चिकित्सा व्यय की राशि दावा प्रस्तुत करने की तिथि से अदायगी तिथि तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पटाने तथा मानसिक क्षति के रूप में दस हजार तथा वाद व्यय पांच हजार रूपये का भुगतान 45 दिनों के भीतर आवेदक को करने का आदेश पारित किया है।