धमतरी। ‘छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को चौराहे पर लाकर जला देना चाहिए। मां-बाप अपनी बेटियों को तलवार चलाना सिखाएं’ ये बात मध्यप्रदेश के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने छत्तीसगढ़ के धमतरी में कही। जिले के कुकरेल में 20 सितंबर से कथा चल रही है। अंतिम दिन उन्होंने कहा- ‘घर की स्त्री और बेटी की रक्षा स्वयं करनी होगी। अपनी बेटी को तलवार चलाना सिखाइए, भाला, डंडा चलाना सिखाइए, कराते सिखाइए। बेटी को आत्म बल दीजिए’ दरअसल, मध्यप्रदेश में हाल ही में छोटी बच्चियों के साथ रेप की कई वारदात सामने आई हैं। इसी संदर्भ में पंडित प्रदीप मिश्रा ने ये बात कही। इसी तरह का बयान एमपी की पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने भी दिया है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी बात की शुरुआत यह कहते हुए की, कि नीयत-नजर और नीति के खराब होने की वजह से समाज बर्बाद हो रहा है। स्त्री का सम्मान नहीं हो पाया इसलिए रामायण हो गई, महाभारत हो गई। आने वाले समय में भी महाभारत और रामायण जैसे हालात बनेंगे। जो बेटियां अपने कंधों पर स्कूल बैग ठीक तरीके से धारण करके नहीं जा सकतीं, उनके साथ गलत हो रहा है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा रावण ने मां जानकी को छुआ और लंका लेकर गया। आज तक दशहरे पर पूरे भारत में रावण का पुतला जलाया जाता है। इस व्यास पीठ के माध्यम से मेरा इतना सा निवेदन है कि अब रावण को छोड़ो और जिस मोहल्ले, नगर, गांव में छोटी बेटियों के साथ गलत कृत्य हो रहा है, उनको लाकर चौराहे पर जला दिया जाए। तिरुपति मंदिर के प्रसाद मामले पर पंडित मिश्रा ने कहा कि, तिरुपति बालाजी को धरती का बैकुंठ माना जाता है। उस मंदिर में अधिपति बनाकर एक क्रिश्चियन को बैठा दिया गया और उसने क्या किया। लड्डू जो प्रसाद मिलता है उस प्रसाद में देखा जाए तो उसमें कहीं मछली का तेल और न जाने क्या-क्या डाल दिया गया। क्या होगा ज्यादा से ज्यादा उसे कुर्सी से उतार दोगे, सजा दे दोगे। आज पूरे सनातन धर्म का व्यक्ति, भारत का व्यक्ति तिरुपति दर्शन करने जाता है तो लड्डू लाता है। घर के लोगों को देता है, बच्चा-बच्चा खाता है। जिसके घर में कभी एक अंश मात्र भी गंदा सामान नहीं आया, जो परम भागवत वैष्णव थे उनका वैष्णव धर्म नष्ट कर दिया।
बालोद में एक सभा में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि, एक लोटा जल चढ़ा दो और जीवन में कुछ काम मत करो। बच्चों को मत पढ़ाओ, खेत में काम मत करो, बस एक लोटा जल चढ़ा दो सब ठीक होगा। हम इसे आस्था नहीं कह सकते। यह आस्था नहीं, बल्कि भाजपा का फैलाया अंधविश्वास है। भूपेश के बयान पर पंडित मिश्रा ने कहा कि, पहले एक लोटा जल चढ़ा कर तो देखें। तब पता चलेगा की विश्वास है या अंधविश्वास है। जिनको सनातन धर्म नहीं सुहाता, वो अलग विषय है।
प्रदीप मिश्रा ने श्राद्ध या पितृ पक्ष को लेकर भी कहा कि पितृ आपका बुरा करेंगे, ये श्राद्ध का मतलब नहीं है। पितृ आपको श्राप देंगे यह श्राद्ध का मतलब नहीं है। पितृपक्ष कह दिया जाता है कि कुछ नया काम या शुभ काम न करो। पितृपक्ष चल रहा है, ये कहकर लोगों में भय पैदा किया जाता है। भागवत को पढ़ा जाए, यदि लिंग पुराण को पढ़ा जाए, शिव महापुराण को पढ़ा जाए तो हमारा शास्त्र कहता है कि पितृपक्ष से सुंदर कोई पक्ष नहीं हो सकता। इसमें तो पितरों का हमें आशीर्वाद मिलता है। बाकी के समय में केवल देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। एमपी में नाबालिग लड़कियों के साथ लगातार बढ़ती रेप की घटनाओं को लेकर पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक उषा ठाकुर कहा- मेरी प्रार्थना है कि ऐसी छोटी बेटियों के रेपिस्टों को सार्वजनिक चौराहा पर फांसी पर लटकाया जाए और उनका अंतिम संस्कार भी नहीं किया जाए। चील-कौवे उन्हें नोच-नोच कर खाएं।