धरमजयगढ़। जिले के छाल एसईसीएल सब एरिया में खदान परिसर में लोहे से लदी गाड़ी मिलने के केस में पुलिस ने गाड़ी छोड़े जाने को लेकर जानकारी साझा की है। अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार उक्त वाहन खदान के सुरक्षा कर्मी द्वारा संदिग्ध हालात में आगे की कार्यवाही हेतु सम्बंधित थाना को वाहन सुपुर्द किया गया था। जहां पुलिस विवेचना में उक्त वाहन में किसी तरह के कोई अवैध लोहे का होना नही पाए जाने के साथ वाहन में कबाड़ सिप्टिंग का एसईसीएल द्वारा परमिशन कागज होने पर गाड़ी को छोड़ा गया।
जानकारी के अनुसार एस के ए कंपनी, जो की सुनील लेंद्रा की कंपनी है, से मिट्टी हटाने का काम मिला हुआ है। मिट्टी हटाने के दौरान पुराने लात अंडरग्राउंड माइन को सपोर्ट देने वाले लोहे के सरिया कट के आ जाते है। जिसके कारण वाहनों को चलने में दिक्कत होती है, इसके लिए एसईसीएल से पूर्व में पत्राचार किए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि अक्सर इन लोहे के सरिया को कंपनी वाले बिनवा लेते हैं और उसको एसईसीएल के डंपयार्ड में गिरा देते है। कंपनी का एक छोटा हाथी वाहन जो विषकर्मा पूजा में लगे टेंट को लेने आया था। उसके ड्राइवर को कंपनी के मुलाजिम आशुतोष सिंह और नवल राठिया द्वारा उक्त सरिया को चुन कर यार्ड में पहुंचाने के लिए कहा गया। इसी दौरान त्रिपुरा राइफल्स के जवानों द्वारा उक्त वाहन को पकड़ कर उसके ड्राइवर से पूछताछ करने पर वह संतुष्टिपूर्ण उत्तर न दे सका। जिस पर चोरी का संदेह व्यक्त करते हुए गाड़ी को यार्ड में खद्बली करवा कर थाना लाकर खड़ा कर दिया गया।
पुलिस ने बताया है कि इस मामले की जांच में पाया गया कि वाहन कंपनी के कर्मचारियों नवल राठिया और अशीतोस सिंह के कहने पर गया था। इस तरह से स्क्रैब निकालने एवम उसे एसईसीएल के डंपयार्ड में छोडऩे का काम एसकेए कंपनी, एसईसीएल के परमिशन से पूर्व से करती आई है। चूंकि त्रिपुरा राइफल्स के जवानों को ये बात पता नहीं थी तो उन्होंने गाड़ी पकड़ ली और इस संबंध में एसईसीएल ने भी ठीक से उन्हे बताया नहीं। इस मामले में थाना में संबंधित दस्तावेज दिखाने पर वाहन को चालान काट कर छोड़ा गया।