धरमजयगढ़। प्रदेश में हाथियों के रहवास क्षेत्र के रूप में विख्यात रायगढ़ जिले का धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र में एक करोड़ों के रोड प्रोजेक्ट के लेमरू एरिया से गुजरने और हाथियों के लिए किए जाने वाले अनिवार्य प्रावधानों को लेकर संदेह और गहराता जा रहा है। हालात कुछ ऐसे हैं कि इस मामले में विभाग के आला अधिकारी भी स्पष्ट रूप से कुछ भी जानकारी साझा नहीं कर रहे हैं। इस मामले में पिछली रिर्पोट में बताया गया था कि रोड प्रोजेक्ट के लेमरू एरिया से गुजरने और हाथियों के रहवास को अप्रभावित रखने हेतु किए गए कार्यों के बारे में वन मंडल क्षेत्र के दोनों एसडीओ से संपर्क किया। जिसमें लैलूंगा एसडीओ ने ज्यादा जानकारी के लिए धरमजयगढ़ फॉरेस्ट एसडीओ से संपर्क करने की सलाह दी। वहीं, धरमजयगढ़ एसडीओ ने फ़ोन पर बताया था कि इस परियोजना में लेमरू क्षेत्र प्रभावित हो रहा है या नहीं इस बात की स्पष्ट जानकारी नहीं है। उन्होनें हाथियों के लिए किए गए संभावित कार्यों के बारे में बताया। एसडीओ ने कहा था कि हाथियों के लिए शायद दो अंडर पास बनाए गए हैं।
इस मामले में धरमजयगढ़ डीएफओ अभिषेक जोगावत ने कुछ दिनों पहले मैसेज के माध्यम से पूछे गए सवालों पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। हाथियों और लेमरू एरिया से जुड़े इस संवेदनशील मामले पर जानकारी के लिए डीएफओ से फ़ोन पर भी संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होनें फ़ोन कॉल भी रिसीव नहीं किया। इस कारण से फिलहाल डीएफओ का पक्ष रखा जाना संभव नहीं है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान समय में एडीबी परियोजना के तहत धरमजयगढ़ से कापू रोड का उन्नयन और पुनर्निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो लगभग पूर्णता की ओर है। यह परियोजना धरमजयगढ़, बोरो और कापू रेंज से होकर गुजर रही है। कऱीब 32.596 किलोमीटर के इस रोड प्रोजेक्ट के लिए लगभग 94 करोड़ रूपए से अधिक की अनुमानित लागत राशि तय की गई है। बता दें कि पुष्ट और अन्य विभागीय सोर्स से मिली जानकारी के मुताबिक इस रोड प्रोजेक्ट का हिस्सा लेमरू एलिफेंट रिजर्व एरिया से होकर गुजर रहा है।