भिलाईनगर। नगर पालिका निगम भिलाई सफाई सर्वेक्षण प्रक्रिया में बेहतरीन प्रयास कर अपनी सफाई रेटिंग को सुधारने का कार्य कर रहा है।तो वहीं दूसरी तरफ विभिन्न स्थानों में साफ सफाई को लेकर जिस तरह की व्यवस्था होना चाहिए वह नहीं हो पा रही है। वर्तमान समय में साफ सफाई करने वाली कंपनी कई मामलों में मनमानी करने पर आमादा हो गई है। क?ंपनी सफाई कर्मचारियों को प्रताडि़त करने का काम भी कर रही है।जिसको देखकर ऐसा लगता है कि निगम के स्वास्थ्य विभाग का कंपनी पर कोई नियंत्रण नहीं है।बल्कि कंपनी निगम के स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह नियंत्रित करके रखी है जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग कंपनी के इशारे पर था-था थैया कर रहा है। यह बड़ी अजीब विडंबना है कि इस कंपनी की कार्यप्रणाली के खिलाफ नगर निगम की सामान्य सभा में पार्षदों ने कही हंगामा? मचाया था।जिसके कार्यों की जांच के लिए पार्षदों की कमेटी भी बनाई गई थी।जांच करने की समय सीमा का निर्धारण भी किया गया था।परंतु समय सीमा समाप्त हो जाने के बावजूद भी आज तक पार्षदों ने की कमेटी ने जांच रिपोर्ट निगम प्रशासन को नहीं सौंप गईहै। जिसकी वजह से पूरी जांच प्रक्रिया पर सवालिया निशान लग रहा है। सफाई सर्वेक्षण के दौर में जिस तरह निगम क्षेत्र में साफ सफाई होना चाहिए। वह नहीं हो पा रही है।कहीं पर कर्मचारियों की कमी, तो कहीं पर संसाधनों की कमी का रोना रोकर कंपनी वर्तमान समय में निगम की सफाई व्यवस्था पर पलीता लगाए जाने का काम कर रही है।जिसके चलते निगम सफाई संरक्षण में सर्वेक्षण में पिछड सकता है। इसकी पूरी जवाबदारी सफाई करने वाली कंपनी पर होगी।सफाई काम की होने वाले निविदा में इस विवादस्पद कंपनी ने भी हिस्सा लिया है।जिसको रोकने के लिए हर तरह की कवायदकी जा रही है।वर्तमान समय में निगम क्षेत्र में कई स्थानों पर सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरामरा गई है।लगातार शिकायत करने के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है।जोन क्रमांक 4 के अंतर्गत आने वाले वार्ड 38 में नालियां बज-बजा रही है। जिसकी वजह से यहां पर बीमारियां फैलने की संभावना प्रबल होती जा रही है। जिसको लेकर निगम के स्वास्थ्य का ध्यान कई बार स्थानीय नागरिकों के द्वारा अवगत कराया गया है।परंतु व्यवस्था में सुधार नहीं हो पाया है। इसी जोन में कई संक्रामक बीमारियों का फैलाव पूर्व में हो चुका है।जिसका प्रमुख कारण समुचित सफाई व्यवस्था रही है। उसके बावजूद भी यहां पर सफाई व्यवस्था पर जिस तरह ध्यान दिया जाना चाहिए।उस तरह ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसको लेकर नागरिकों में भारी रोष? वयाप्त है। निगम के स्वास्थ्य का दायित्व संभालने वाले अधिकारी भी इस मामले में पूरी तरह लापरवाही बरतरहे हैं। जिसकी वजह से सफाई कंपनी मनमानी करने पर उतारू हो गई है।जिस पर तत्काल नियंत्रण की आवश्यकता है।अन्यथा निगम की सफाई व्यवस्था धरी की धरी रह जाएगी।और सफाई सर्वेक्षण में निगम की रेटिंग भी गिर सकती है। इसके लिए पूरी तरीके से जिम्मेदार सफाई कार्य करने वाली कंपनी और स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से रहेगा।