रायगढ़। धरमजयगढ़ वनमंडल अंर्तगत वैसे तो अलग अलग जगहों पर रिपोर्ट के मुताबिक 49 हाथियों की मौजूदगी बताई जा रही है। लेकिन आज दोपहर से धरमजयगढ़ रेंज के 367 और 368 के कक्ष क्रमांक जंगल मे सडक़ किनारे हाथियों की लगातार चहलकदमी देखी गई। जिसके मद्देनजर विभाग भी लगातार अलर्ट मोड पर रहा,फिर भी आज शाम उस वक्त धरमजयगढ़ मुख्य मार्ग में अफरा तफरी का माहौल बन गया जब सडक़ के दोनों तरफ हाथीयों को विचरण करते हुए देखा गया।
इस बीच अचानक एक हाथी को एकदम से सडक़ के बीच आते देखा गया और फिर कुछ देर सडक़ में चलने के बाद वह जंगल की ओर कूच कर गया लिहाजा सुरक्षा की दृष्टि से सडक़ के दोनों छोर में लोगों की भीड़ इक_ी हो गई और फिर कुछ देर वाहनों के पहिए थम गए।इस तरह देर शाम तक सडक़ किनारे हाथियों की चहलकदमी बनी रही ऐसे में वहीं मौके की नजाकत को भांपते हुए वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी लगातार हाथियों पर नजर बनाए रहे। विभाग द्वारा लोकेशन के मुताबिक हाथी प्रभावित ग्रामवासियों को हाथी के संबंध में आगाह कर सतर्क रहने की हिदायत दी जा रही है। जानकारी के अनुसार रात में हाथियों का यह दल आमगांव खलबोरा तेंदुमार ओंगना क्रोन्धा जैसे प्रभावित गांव की ओर निकल सकते हैं। जिसके चलते वन विभाग के द्वारा ग्रामवासियों को शाम के बाद घरों से नही निकलने की समझाईश दी जा रही है।
एक ही रात में गजराजों ने 22 किसानों की फसल को चौपट
धरमजयगढ़ वन मंडल में जंगली हाथियों का उत्पात थमने का नाम ही नही ले रहा है। इसी क्रम में बीती रात जंगली हाथियों ने 22 किसानों की धान की खड़ी फसलों को रौंद कर खराब कर दिया। खास बात यह है कि इन हाथियों के दल ने रजीदा और शेरबंद के 8 किसानों की फसलों को नुकसान पहुचाया है। जबकि कोयलार, अमापली तथा कोकनारा व सोहनपुर के 6 किसान एवं मेंढरमार,बायसी तथा क्रोन्ध के 6 किसानों की भी खड़ी फसलों को अपने पैरों तले रौंद डाला है।
इस मामले में खास बात यह है कि इन हाथियों के दल में 20 नर, 21 मादा और 8 शावक हाथी विचरण कर रहे है। इस लिहाज से धरमजयगढ़ वन मंडल के द्वारा लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी करा कर ग्रामीणों को जंगल की ओर नहीं जाने की हिदायत दी जा रही है।