रायगढ़। नेपाल की पवित्र भूमि लुंबिनी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें रायगढ़ शहर के साहित्यकार प्रकाश चन्द्रा ‘कांसा’ जी को उनके उत्कृष्ट रचना के लिए ‘हिन्दी काब्य रत्न’ की ‘मानद उपाधि’ से सम्मानित किया गया इस खबर से उनके चाहने वालों में खुशी की लहर है। यह प्रतियोगिता शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल द्वारा हिंदी दिवस के संदर्भ में एक अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता आयोजित किया गया था। संस्था के अध्यक्ष श्री आनन्द गिरि मायालु जी (लुंबिनी)ने बताया कि कविता में नेपाल, भारत, कनाडा, अमेरिका, आस्ट्रेलिया तथा तंजानिया से 6742 महिला पुरुष रचनाकारों की सहभागिता रही है। सहभागिता व्यक्त करने वालों में 16 बर्ष के बालकों से लेकर 75 बर्ष के वयोवृद्ध रचनाकार रहे हैं। प्रतियोगिता में विभिन्न सरकारी तथा निजी कार्यालयों के बड़े बड़े पद के अधिकारी तथा राजनीतिक दल के नेताओं की सहभागिता रही है। उत्कृष्ट रचना के आधार पर 675 रचनाकारों का चयन किया गया जिन्हें प्रमाण पत्र प्रदान कर ‘हिंदी काव्य रत्न’ मानद उपाधि सम्मान से तथा 25 नवोदित रचनाकारों को ‘काव्यश्री सम्मान’ से सम्मानित किया गया है। नेपाल भारत मैत्री सम्बंध मजबूत बनाने, देवनागरी लिपि के सरंक्षण, हिंदी भाषा को नेपाल भारत की मैत्री भाषा बनाने तथा हिंदी के रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के उद्वेश्य से प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। हिंदी दिवस के अवसर पर बोलते हुए संस्था अध्यक्ष श्री आनन्द गिरि मायालु जी ने कहा कि हिंदी विश्व भाषा बन चुकी है,हिंदी भाषा को बोलने में जितना आनन्द आता है उतना ही सरल है इसे बोलना। आज के कुछ युवा हिंदी भाषा बोलने पर हीनता बोध कर रहे हैं। अंग्रेजी के पीछे भागने से अपनी मौलिकता खो जायेगी इसलिए सभी को अपनी मातृभाषा को अपनी प्राथमिकता में रखनी चाहिए। प्रतियोगिता नेपाल भारत मैत्री सम्बंध मजबूत बनाने में सफल रही है सभी सहभागियों का उन्होंने आभार व्यक्त किया। ज्ञात हो कि शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल देश विदेश की विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न नि:शुल्क ऑनलाइन आयोजन करती आई है। संस्था 2025 में विश्व में पहली बार विश्व की सबसे बड़ी साहित्यिक परिचय डायरेक्ट्री प्रकाशन करने जा रही है।