रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पर्यूषण महापर्व के पावन पुनीत अवसर पर संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य नवाचार्य समय सागर महाराज के मंगल आशीर्वाद से आदरणीय बाल ब्रह्मचारी संदीप सरल जी संस्थापक अनेकांत ज्ञान मंदिर श्रुतधाम बीना (मध्य प्रदेश) के मार्गदर्शन में रायपुर शहर के इतिहास में प्रथम बार ताड़पत्रों पर हस्तलिखित स्वर्ण पत्रों पर अंकित लगभग 1200 वर्ष प्राचीन बहुमूल्य ग्रंथो की चार दिवसीय भव्य प्रदर्शनी का शुभारंभ 14 सितंबर को प्रात: 9:00 बजे दिगंबर जैन बड़ा मंदिर मालवीय रोड के विद्यासागर हॉल में प्रताप पारेख उपसंचालक पुरातत्व विभाग, कुमारी स्वाति जैन जनसंपर्क विभाग, धीरज जैन मैनेजर एसबीआई, रितेश जैन रीजनल बिजऩेस हेड बैंक आफ बड़ौदा की गरिमामय उपस्थिति में प्रारंभ हुई।
प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण पोस्टकार्ड पर तत्वार्थ सूत्र ग्रंथ के 10 अध्याय, पोस्टकार्ड पर भक्तामर स्त्रोत के 48 काव्य, 200 फुट लंबे कागज पर 24 ठाणा ग्रंथ, विश्व की एकमात्र दुर्लभ प्रति काष्ठफलक पर लिपिबद्ध देवनागरी लिपि में वर्णमाला, दर्शनीय श्रीफल जिनालय,स्वर्ण लिखित भक्तामर स्त्रोत, हस्तलिखित समयसार ग्रंथ, ऐरावत हाथी जम्बूदीप,ढाई द्वीप आदि के प्राचीन चित्र, आमंत्रण पाती प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण हैं।
प्रदर्शनी का अवलोकन करने सैकड़ो की तादाद मे लोग मालवीय रोड दिगंबर जैन मंदिर पहुंच रहे हैं एवं जैन धर्म की प्राचीनता का प्रत्यक्ष प्रमाण देख कर उत्साहित हैं। जिनालय के मैनेजिंग ट्रस्टी नरेंद्र जैन ‘गुरु कृपा’, अध्यक्ष यशवंत जैन, सचिव सुजीत जैन, कोषाध्यक्ष दिलीप जैन, उपाध्यक्ष लोकेश चंद्रकांत जैन ने बताया कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमें इतने प्राचीन हस्तलिखित ग्रंथो एवं लिपियों को एक साथ प्रदर्शित करने का अवसर मिला द्य समिति ने सकल जैन समाज के साधर्मियो से अनुरोध किया कि एक बार इस प्रदर्शनी के अवलोकन के लिए मालवीय रोड बड़ा जैन मंदिर में अवश्य पधारें। यह प्रदर्शनी 17 सितंबर शाम तक आयोजित है।