रायगढ़। जिले में संचालित हो रहे उद्योगों से उत्सर्जित होने वाले तरल अपशिष्ट को नदी-नालों में बेखौफ बहाया जा रहा है। जिसके चलते नदी-नालों का पानी दुषित हो रहा है। ऐसे में अब जल संसाधन विभाग इन उद्योगों के खिलाफ कड़ी रवैया अपनाते हुए पांच उद्योगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिला औद्योगिक नगरी के रूप में जब से विकसित हुआ है, तब से पूरा जिला प्रदुषण के चपेट में आ गया है। साथ ही इन उद्योगों से निकलने वाले डस्ट व तरल अपशिष्ट को उद्योग संचालक बेखौफ नदी-नालों में बहाया जा रहा है। जिसका जीता-जागता उदाहरण शहर का केलो नदी है। हालांकि आज भी यह केलो नदी शहरवासियों के लिए जीवनदायनी है।
क्योंकि केलो नदी के पानी को लोग पीने से लेकर निस्तारी तक उपयोग करते हैं, लेकिन अब इन उद्योग से उत्सर्जित होने वाले अपशिष्ट को सीधे नदी-नालों में ही बहा दे रहे हैं, जिसके चलते केलो नदी दिन पर दिन मैली होती जा रही है। साथ ही इस पानी का उपयोग करने से लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। जिसको देखते हुए जल संसाधन विभाग इन उद्योगों के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए नोटिस जारी किया है, साथ ही नोटिस में लिखा है कि 15 दिनों के भीतर इसका जवाब प्रस्तुत करें। साथ ही उद्योग से निकलने वाले तरल अपशिष्ट को उपचारित कर पुर्नउपयोग करने का सुनिश्चित करें, ताकि नदी नालों के साथ लोगों के स्वास्थ्य को बचाया जा सके।
इन उद्योगों को जारी किया नोटिस
शहर के केलो नदी में उद्योगों से उत्सर्जित होने वाले अपशिष्टों से प्रदूषित होने पर सिंचाई विभाग ई ई ने नोटिस जारी किया है। जिसमें प्रमुख रूप से बी एस स्पंज, सिंघल इंटरप्राइजेज, सुनील इस्पात, अंजनी स्टील, सिंघल एनर्जी का नाम शामिल है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर संबंधित उद्योग नोटिस का जवाब नहीं देता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।