जशपुरनगर। मुख्यमंत्री निवास ‘बगिया’ में राधाष्टमी के पावन पर्व पर विशेष पूजन का भव्य आयोजन किया गया। इस धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम का नेतृत्व मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने किया, जिन्होंने विधि-विधान के अनुसार राधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना संपन्न कराई। कार्यक्रम में शामिल भक्तगणों ने पूरे भक्ति भाव के साथ इस पूजन में भाग लिया, जो प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।
राधाष्टमी पूजन का विशेष महत्व
राधाष्टमी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व के रूप में जाना जाता है। यह दिन राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य प्रेमिका और शक्ति के रूप में पूजी जाती हैं। राधाष्टमी का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है, क्योंकि यह प्रेम, भक्ति, और त्याग का प्रतीक है। राधा-कृष्ण की पूजा करने से जीवन में प्रेम, सौहार्द, और शांति का वास होता है। यह पर्व विशेष रूप से ब्रज क्षेत्र में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन अब देश के विभिन्न हिस्सों में भी इसका आयोजन व्यापक रूप से किया जाता है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना कर राधा-कृष्ण से अपनी इच्छाओं की पूर्ति की कामना करते हैं।
बगिया निवास में आयोजित इस पूजन में राधा-कृष्ण की मूर्तियों को विशेष रूप से सजाया गया। श्रीमती कौशल्या साय ने वैदिक मंत्रोच्चार और विधि-विधान के साथ पूजा की शुरुआत की। पूजन के दौरान भगवान राधा-कृष्ण को फूल, मिष्ठान, और वस्त्र अर्पित किए गए, जिसके बाद झूलन उत्सव का आयोजन हुआ। इस उत्सव के दौरान राधा-कृष्ण की मूर्तियों को श्रद्धा और प्रेमपूर्वक झूला झुलाया गया।
भजन-कीर्तन और धार्मिक वातावरण
पूजा के बाद भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें राधा-कृष्ण के मधुर भजनों ने भक्तों को भक्ति रस में डुबो दिया। भक्तगणों ने भजन गाते हुए राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम का गुणगान किया। पूरे निवास परिसर में भक्तिमय का वातावरण रहा।