रायपुर। राजधानी के करोड़पति बिजनेसमैन और वर्किंग प्रोफेशनल लगातार ठगी के शिकार हो रहे हैं। ये वर्ग शेयर मार्केट में इंवेस्ट करता है। अब इसी का फायदा ठग उठा रहे हैं। शेयर मार्केट ट्रेडिंग में प्रॉफिट दिलाने का झांसा देकर यह ठगी हो रही है। हाल ही में ऐसे दो बड़े मामले सामने आए हैं। ताजा मामला एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से 1 करोड़ 39 लाख की ठगी का है। शहर की तेलीबांधा थाना पुलिस और साइबर क्राइम टीम इसकी जांच कर रही है।
दूसरा केस कुछ दिन पहले रायपुर पुलिस ने दर्ज किया था। जांच चल रही थी। बुधवार को इससे जुड़े ठग को अरेस्ट कर जेल भेजा गया है। इस मामले में रायपुर की एक कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखने वाली महिला ने 88 लाख रुपए की ठगी की शिकायत की थी। इस केस में ठग चेन्नई से अरेस्ट हुआ है। पुलिस ने 50 लाख से ज्यादा की रकम को खाते से होल्ड करवाया है। पुलिस पकड़े गए ठग से पूछताछ कर रही है। सीए से ठगी मामले में भी जांच शुरू की गई है। पहला केस जिसमें सीए के साथ ठगी हुई, उसका जाल फेसबुक से फैलाया गया है। बकायदा सोशल मीडिया पर प्रमोटेड पोस्ट दिखाई गईं। रायपुर के चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार ने 15 जुलाई को ऐसा ही एक विज्ञापन देखा इससे आकर्षित होकर उन्होंने लिंक पर क्लिक किया। यह लिंक एक व्हाट्सएप ग्रुप में जुडऩे का था। सीए ने दो ग्रुप ज्वाइन किए। पहला इसी एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज स्टॉक पुलअप और दूसरा एलिट एग्जीक्यूटिव टीम नाम का था। इन ग्रुप में कुछ ग्रुप मेंबर्स ने अपने रिव्यू डाल रखे थे, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने अच्छा प्रॉफिट हो रहा है। इसके बाद ग्रुप में कुछ टिप्स आने लगी जिसमें यह बताया जा रहा था कि कैसे शेयर मार्केट में प्रॉफिट हासिल किया जा सकता है। इन टिप्स को फॉलो करने पर चार्टर्ड अकाउंटेंट को कुछ फायदा भी हुआ और वह पूरी तरह से इस रैकेट के झांसे में आ गए। इसके बाद अलग-अलग टिप्स बात कर रितु बोहरा, अजय गर्ग, सुखविंदर सिंह, मधु शाह नाम के लोगों ने अलग-अलग शेयर में इन्वेस्ट करने के नाम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के दर्जनों खातों में 1 करोड़ 39 लाख 15000 रुपए जमा करवा लिए। ठग लगातार चार्टर्ड अकाउंटेंट को बड़ा फायदा होने वाला है कहकर झांसा दे रहे थे। लेकिन जब चार्टर्ड एकाउंटेंट ने अपनी इन्वेस्ट की हुई रकम वापस मांगी तो ठगों ने कह दिया कि और पैसे जमा करने पर ही रकम वापस होगी। इसके बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट से ठगों ने संपर्क करना बंद कर दिया। परेशान होकर चार्टर्ड अकाउंटेंट पुलिस के पास पहुंचे हैं और कार्रवाई की मांग की है। पुलिस टीम ने चार्टर्ड अकाउंटेंट से उन सभी बैंक की डिटेल्स हासिल की है जिनमें पैसे जमा किए गए। अब उन खातों को फ्रीज करने और खाता मालिकों का पता लगाने की कार्रवाई की जा रही है। एक दूसरे केस में रायपुर की रश्मि नाम की महिला ने शेयर ट्रेडिंग के ऐसे ही मामले में मुनाफा कमाने का झांसा देकर 88 लाख रुपए की ठगी होने की रिपोर्ट साइबर थाने में दर्ज करवाई थी। इस मामले की जांच करते हुए पुलिस की टीम ने महिला से मिले खातों की जानकारी, आईपी एड्रेस, फोन नंबर को जांचना शुरू किया। पुलिस को पी हरिकिशोर सिंह नाम के एक 44 साल के आदमी का पता चला। इसकी लोकेशन ट्रेस करते हुए पुलिस पल्लवरम चेन्नई पहुंच गई। वहां इसे पकड़ लिया गया। जांच में पता चला कि हरि किशोर सिंह सिम कार्ड और खाते अरेंज करता था। फिर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जाकर अपने साथियों के साथ मिलकर इस तरह की ठगी को अंजाम दिया करता था। पता चला कि इस आरोपी के खिलाफ कर्नाटक के बेंगलुरु में भी एफआईआर दर्ज है। पुलिस आरोपी को पकडक़र रायपुर ले आई है। इस मामले में अलग-अलग खातों में भेजे गए 57 लख रुपए होल्ड कराए गए हैं। फिलहाल, आरोपी हरि किशोर सिंह को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है, इससे पुलिस बाकी साथियों के बारे में और ठगी के तरीके के बारे में पूछताछ कर रही है।