रायगढ़। होटल श्रेष्ठा में शहर के प्रतिष्ठित आशाराम परिवार के सभी सदस्यगण पितृमोक्षार्थ गया श्राद्धान्तर्गत भव्य श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन विगत पांच से 11 सितंबर तक करा रहे हैं। व्यासपीठ पर विराजित हैं देश के उद्धट विद्वान पं विजयशंकर मेहता जो अपने दिव्य प्रवचनों से प्रतिदिन दोपहर तीन से सात बजे तक कथा का रसपान कराकर उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। व्यासपीठ पर विराजित देश के उद्धट विद्वान पं विजयशंकर मेहता ने कथा प्रसंग के अंतर्गत श्रद्धालुओं को कथा का रसपान करते हुए कहा कि भगवान को भी अनेक कष्टों का सामना करना पड़ा है परंतु वे कभी विचलित नहीं हुए और हर कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए उसका निदान करते गए हैं। इसलिए जीवन में दुख कितना भी बड़ा हो और चाहे कैसी भी कठिन परिस्थिति निर्मित हो जाए। भगवान श्रीकृष्ण की तरह धैर्य व शांति से निदान करना चाहिए तभी व्यक्ति का जीवन सुखमय बनता है। सफलता के लिए दिनचर्या जरुरी है। उद्भट विद्वान कथा वाचक पं विजय शंकर मेहता ने कथा प्रसंग के अंतर्गत भगवान श्री कृष्ण की दिनचर्या का वर्णन करते हुए कहा कि साक्षात प्रभु की उनके जीवन में दिनचर्या निर्धारित थी। ऐसा ग्रंथ में भी उल्लेख है। अतएव सभी व्यक्ति को भी चाहिए कि वह अपने जीवन में सुबह से शाम तक एक दिनचर्या निर्धारित करे और उसी अनुरुप अपने व्यक्तित्व को दिशा दे तब हर क्षेत्र में सफलता सुनिश्चित है। इस तरह से श्रीमद्भागवत कथा के अनेक प्रसंगों को बड़े ही सहजता से उपस्थित श्रद्धालुओं को कथा का रसपान करा रहे हैं। वहीं कथा प्रसंग के मध्य में मधुर भजनों के साथ श्रद्धालुगण भावविभोर होकर झूम रहे हैं।
आज कथा स्थल में जीवंत मनभावन झांकी के साथ श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह प्रस्तुति की धूम रही। वहीं सात दिवसीय पितृ मोक्षार्थ गया श्राद्धान्तगर्त भव्य श्रीमद्भागवत कथा आयोजन को भव्यता देने में आशाराम परिवार के सभी श्रद्धालुगण जुटे हैं।