जशपुरनगर। छत्तीसगढ़ के जशपुर के करबला रोड में स्थित आदिवासी समाज के पूजा स्थल में तालाबंदी का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। मंगलवार को जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। राजी पड़हा प्रार्थना सभा के धर्म गुरू बंधन तिग्गा ने एक सप्ताह के अंदर इस मामले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात न होने और दीपू बगीचा का ताला ना खोले जाने पर बंद की चेतावनी दी है। शत्रुजंय प्रताप सिंह जूदेव हॉकी स्टेडियम में आयोजित महाआक्रोश रैली में शामिल होने के लिए जिले के साथ ओडिशा और झारखंड से भी भारी संख्या में लोग पहुंचे थे। बलौदाबाजार में हुई हिंसक घटनाओं से सबक लेते हुए, जिला प्रशासन ने पूरे शहर में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की थी।
जशपुर के पूर्व विधायक विनय भगत ने कहा कि दीपू बगीचा की जमीन आजादी से पहले से आदिवासी समाज की अमानत है। 1980 के दशक से उनके पिता रामदेव भगत के नेतृत्व में सरहुल पूजा का आयोजन होता आ रहा है।
विनय भगत ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर निशाना साधते हुए कहा कि आदिवासियों की इस पवित्र भूमि को विकसित करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 50 लाख रुपए देने की घोषणा की थी, वहीं आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार में यहां तालाबंदी की जा रही है। उन्होंने प्रशासन से दीपू बगीचा की चाबी वापस समाज को सौंपने की अपील करते हुए कहा कि सामाजिक कार्यों में प्रशासन को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
बंधन तिग्गा ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति का उपासक होता है। उसके किसी भी धार्मिक स्थल पर ताला नहीं लगाया जाता है। लेकिन सरकार और प्रशासन ने षडयंत्र रचकर दीपू बगीचा में ताला लगाने का काम किया है। यह आदिवासी समाज के लिए बहुत तकलीफ दायक है।
जिले के दीपू बगीचा में तालाबंदी मामले ने पकड़ा तूल
राजी पड़हा समाज ने निकाली जन आक्रोश रैली
