खरसिया। रायगढ़ में शास्त्रीय पद्धति से जुड़ा 39वां चक्रधर समारोह रामलीला मैदान में 7 से 16 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है। जिसमें राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कला जगत के कई प्रसिद्ध कलाकार शिरकत करेंगे। इस आयोजन की रूपरेखा भी जारी हो चुकी है। भारतनाट्यम- पद्मश्री हेमा मालिनी मुम्बई, कथक घुंघरू- पद्मश्री रामलाल बरेठ, भारतनाट्यम कुचिपुड़ी- पद्मश्री कुमारी देवयानी दिल्ली, सुफी एवं कबीर गायन- पद्मश्री डॉ. भारती बंधु रायपुर, छत्तीसगढ़ लोक गीत- पद्मश्री अनुज शर्मा रायपुर, कवि सम्मेलन- पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे रायपुर, ओडिसी नृत्य- पद्मश्री रंजना गौहया दिल्ली और मिनाक्षी शेषाद्री व कुमार विश्वास जैसे दिग्गज भी चक्रधर समारोह में अपनी प्रस्तुति देंगे। समारोह में शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति सोमवार 9 सितंबर को खरसिया के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक रामप्रसाद सारथी देंगे। संगीत को लेकर उनका सुन्दर कथन है कि सुव्यवस्थित ध्वनि, जो रस की सृष्टि करे संगीत कहलाती है। गायन, वादन व नृत्य तीनों के समावेश को संगीत कहते हैं। संगीत नाम इन तीनों के एक साथ व्यवहार से पड़ा है- गाना, बजाना और? नाचना प्राय: इतने पुराने हैं जितना पुराना आदमी है। संगीत एक ऐसा माध्यम है, जो व्यक्ति के शारिरिक, मानसिक रोगों व व्याधियों से मुक्ति प्रदान करता है। संगीत की तीनों धाराएं गायन, वादन व नृत्य न केवल स्वर ताल और लय की माध्यम है बल्कि एक यौगिक क्रिया है। इस क्रिया से हमारे शरीर-मन-प्राण इन तीनों में शुद्धता और चैतन्यता आती है। इसलिए ही किसी संगीत शिक्षाविद् ने कहा है कि संगीत में है ईश्वर की शक्ति हर स्वर में बसे हैं राम,रागी जो सुनाये रागनी, रोगी को मिले आराम।