धरमजयगढ़। जिले के धरमजयगढ़ ब्लॉक के ओंगना गांव में डायरिया के प्रकोप के प्रकोप का मामला सामने आने के बाद से प्राभावित इलाकों और स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मचा हुआ है। जानकारी के मुताबिक ब्लॉक के ओंगना गांव में करीब 2 दर्जन से अधिक ग्रामीण डायरिया से पीडि़त हैं। वहीं, इस स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में तत्काल राहत शिविर लगाया गया है। जहां पीडि़तों का उपचार कर स्थिति को नियंत्रित करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।
गुरूवार को धरमजयगढ़ नगर से सटे करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव ओंगना में डायरिया फैलने की खबर ने खलबली मचा दी। जानकारी के मुताबिक गांव में लगातार उल्टी दस्त से ग्रसित ग्रामीण सामने आ रहे हैं। अचानक से निर्मित हुए इस विपरीत परिस्थितियों से कहीं न कहीँ स्वास्थ्य विभाग को भी भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान स्थिति के अनुसार गांव में करीब 30 लोग उल्टी-दस्त के जद में आ गए हैं। जिनका स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से उपचार किया जा रहा है। इस मामले को लेकर बताया यह भी जा रहा है कि पहले से ही यह बीमारी गांव को धीरे -धीरे अपने आगोस में ले रहा था, जिसकी जानकारी शायद किसी को नही हो सकी। परिणाम स्वरूप आज की स्थिति में करीब पूरा गांव इसकी चपेट में है। बता दें, जब इस के फैलने की जानकारी लोगों को हुई तब तक हालात बेकाबू से होने लगे थे। उसके बाद स्वास्थ्य अमला तुरंत चौकन्ना हो गया और लगातार उपचार की व्यवस्था स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से गांव में करा दी गई। जहाँ फिलहाल जांच व उपचार जारी है, ताकि बीमारी पर काबू पाया जा सके और संक्रमण पर पूरी तरह अंकुश लग सके।
बहरहाल, स्वास्थ्य अमला हालातों पर पैनी नजर बनाए हुए है और उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए गांव में शिविर के माध्यम से जांच उपचार व मेडिसिन की पर्याप्त व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार की जा रही है।
टयूबवेल में मिले हैं संक्रमित कीटाणु
गांव के सरपंच रामदयाल राठिया ने बताया कि सप्ताह भर से मरीज आ रहे हैं। अब तक गांव में उल्टी-दस्त के करीब 35 से 40 मरीज मिले हैं। इनमें से चार-पांच लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि दो लोगों को रायगढ़ रेफर कर दिया गया है। गांव के ट्यूबेल में कीटाणु आने से गांव में डायरिया फैलने की बात कही जा रही है। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में लगातार रूक-रूक कर पानी गिरने और लगातार मौसम में बदलाव होते रहने की वजह से ओंगना गांव सहित आसपास के गांव में हर साल इसी तरह उल्टी-दस्त की समस्या आती रहती है।
8 से 10 टयूबवेल को कराया गया बंद
डॉ. बीएल भगत, बीएमओ ने बताया कि ओंगना गांव में पांच दिनों से शिविर लगाया गया है। रोजाना 6-7 मरीज आ रहे हैं। पानी की जांच करने पर उसमें वैक्टेरिया मिला है, जिसके बाद से गांव के 8 से 10 ट्यूबेल को बंद करा दिया गया है। उल्टी-दस्त से पीडि़तों का गांव के पंचायत भवन में शिविर लगाकर उपचार किया जा रहा है।
ओंगना गांव में डायरिया का प्रकोप
2 दर्जन से अधिक चपेट में आए, लगाया गया स्वास्थ्य शिविर, ग्रामीणों में भय का माहौल
