रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक राज्य में स्वाइन फ्लू से 7 मरीजों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को रायपुर में स्वाइन फ्लू के 16 संदिग्ध मरीज मिले हैं। इनके स्वाब के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। राजधानी में अब तक एक पॉजिटिव मरीज की पुष्टि हुई है। राज्य में 19 केस मिले हैं। प्रदेश के सबसे बड़े अंबेडकर अस्पताल के पेइंग वार्ड को स्वाइन फ्लू से पीडि़तों के लिए रिजर्व किया गया है, जहां 4 मरीज अभी भर्ती है। बिलासपुर सिम्स में 4 बेड का आइसोलेटेड वार्ड तैयार किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने सभी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में आइसोलेशन वार्डों और प्रदेशभर में वायरोलॉजी लैबों को अप-टू-डेट रखने का निर्देश दिए हैं।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ विभाग ने स्वाइन फ्लू को लेकर भी एक एडवाइजरी जारी की है। जिसके तहत स्वाइन-फ्लू सहित मौसमी बीमारियों से बचाव और रोकथाम के लिए लोगों को सजग रहने और सावधानी बरतने की अपील की है। साथ ही टोल-फ्री नम्बर 104 पर जारी किया है। स्वाइन फ्लू के शुरुआती लक्षण सामान्य सर्दी से शुरू होते हैं। एक-दो दिन सर्दी रहने के बाद खांसी, कफ, सिर और हाथ-पांव में दर्द शुरू होता है। बुखार के साथ स्थिति तेजी से बदलती है। खांसी इतनी ज्यादा होती है कि सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। इस स्थिति में तुरंत अलर्ट होना जरूरी है। खतरा इसी स्थिति के बाद शुरू होता है। पीडि़त व्यक्ति की छींक या उसके करीब जाने से सांस के जरिए यह दूसरे को संक्रमित करता है। पीडि़त व्यक्ति को मास्क लगाकर रखना चाहिए। इसके अलावा हाथ सेनेटाइज करते रहना भी जरूरी है। संक्रमित व्यक्ति का हाथ अक्सर नाक और मुंह पर जाता है। इससे हाथों में वायरस आ जाते हैं। ऐसी दशा में हाथों से चीजें छूने पर उसमें वायरस ट्रांसफर होने का खतरा रहता है। स्वाइन फ्लू से बचने के लिए भी कोरोना की तरह सावधानी जरूरी है। संक्रमित के करीब जाने के पहले मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं। अभी चूंकि सर्दी-जुकाम पूरी तरह से फैला हुआ है। उसे साधारण न मानें और सर्दी-जुकाम पीडि़तों के करीब न जाएं। इसके अलावा अभी भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। भीड़ में जाएं तो मास्क लगाकर जाएं।