रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा मामले में निलंबित आईपीएस सदानंद कुमार के खिलाफ राज्य सरकार ने आरोप पत्र जारी किया है. सदानंद को दिए गए आरोप पत्र में कहा गया है कि निलंबित आईपीएस सदानंद कुमार 8 फरवरी 2024 से 12 जून 2024 तक पुलिस अधीक्षक जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के पद पर पदस्थ थे। इस दौरान उन्होंने जैतखाम तोडफ़ोड़ मामले में अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम का उल्लंघन किया है। पत्र में कहा गया है कि 15-16 मई 2024 की दरमियानी रात गिरौदपुरी धाम के अमरगुफा में सतनामी समाज के आस्था के प्रतीक 3 जैतखाम को काटकर फेक दिए जाने और मंदिर के गेट को तोडक़र क्षतिग्रस्त किए जाने पर गिरौदपुरी चौकी में अपराध दर्ज किया गया था। इस मामले में उचित पर्यवेक्षण किए बिना एवं प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में न रखकर सभी बिंदुओं पर गहन विवेचना के बिना न्यायालय में 05 जून 2024 को अभियोग पत्र पेश किया जाना पाया गया। यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के नियम 3 (2क्च) (&द्बद्बद्ब) का उल्लंघन है. सदानंद कुमार ने कर्तव्यनिष्ठ न रहने और सर्वोत्तम विवेक से कार्य न करने के कारण अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम-1968 के नियम 3(2क्च) (&द्बद्बद्ब) का उल्लंघन किया। बता दें 15-16 मई की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्वों ने गिरौधपुरी धाम के पूज्य जैतखाम में तोडफ़ोड़ की थी. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस की इस कार्रवाई से समाज के लोग असंतुष्ट थे और न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे. इस बीच गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा भी कर दी थी. जैतखाम में तोडफ़ोड़ के विरोध में हजारों लोग 10 जून को कलेक्ट्रेट के पास इक_े हुए और हिंसक प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया था. हिंसा के तीन दिन बाद राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए बलौदाबाजार के कलेक्टर कुमार लाल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को निलंबित कर दिया था।