नंदेली। धार्मिक आस्था से ओतप्रोत,सर्वहिताय की भावनाओं से परिपूर्ण गांव नंदेली जहां पूर्वजों की धरोहर को बखूबी सहज कर संरक्षित रखते हैं, चाहे धार्मिक हो या सामाजिक हो परन्तु पूर्वजों की यादों को उनकी परंपराओं को आज भी चलाते हैं और सहर्ष स्वीकारते हैं, ऐसे ही एक उत्सव झूला रथ यात्रा जिसे गांव के पूर्वजों द्वारा सदियों से मनाते आ रहे हैं।
हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन के पावन पर्व के साथ-साथ यह झुला रथ भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा मैया सहित वीर बलभद्र को झूला में बिठाकर गांव का भ्रमण करते हुए मंदिर परिसर में रखा जाता है जिसमें गांव के श्रद्धालु भक्तजन माता-बहनों द्वारा भगवान को झूलाते हुए अपने सुखमय जीवन हेतु कामना करते हैं।
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की शुरुआत देवलोक वासी जयलाल मालाकार एवं लालमेन मालाकार, द्वारा इसकी शुरुआत की गई फिर लगातार इस धार्मिक कार्य में जुड़ते हुए टुकाराम मालाकार, त्रिलोचन मालाकार, रेवाराम बरेठ, नारद निषाद, नान्हू निषाद, पनिक चौधरी, मधुसूदन निषाद ने साथ दिया।
आज उन्ही पूर्वजों के आशीर्वाद से गांव में हर्षोल्लास के साथ झूला रथ यात्रा की उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है, इस रथ यात्रा में हुलसराम मालाकार, खगपति मालाकार, लेखराम मालाकार त्रिलोकी नाथ मालाकार बोधीराम मालाकार, निल कुमार मालाकार, पितांबर मालाकार सुदामा मालाकार,खीर राम मालाकार दुर्योधन विश्वकर्मा शिशुपाल सिदार, गोसाईं बरेठ, प्रेमलाल यादव, आनंदराम यादव, अवधराम यादव, मंगतू सिदार, सोनसाय साहू , हरि निषाद कवंलसिह बरेठ, वेदराम विश्वकर्मा गोबिंद पाव, मनचीत मालाकार,नरेंद्र निषाद एवं गांव के अन्य उत्साही कलाकारों द्वारा बहुत ही रोचक ढंग से प्रस्तुती दी गई।
इस उत्सव में खगपति मालाकार द्वारा उडिय़ा के सुमधुर गाना से अपने साथियों व दुर्योधन विश्वकर्मा एवं त्रिलोकी नाथ मालाकार के साथ मृदंग की थाप से लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस उत्सव को सफलता प्रदान करने में पूरे गांव की अहम भूमिका रहती है।