रायगढ़। भाजपा के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने गुरुवार को राजधानी में आयोजित एक पत्रकारवार्ता के दौरान महादेव ऑनलाइन सट्टा एप को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि इस ऑनलाइन सूट्टे के जरिए आतंकी फंडिंग की आशंका है। इसलिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को खुद आगे आकर इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से करवाने हेतु पहल करनी चाहिए। श्री चौधरी ने आशंका जताते हुए कहा कि दुबई से संचालित महादेव एप को कुख्यात माफिया गिरोह डी-कंपनी का संरक्षण प्राप्त है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकी घोषित माफिया डॉन दाउद के जरिए किस तरह भारत में आतंकियों को फंडिंग की जाती है यह किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि दुबई एक इस्लामिक देश का हिस्सा है जहां जुआ, सट्टा से जुड़े मामलो को अवैध घोषित किया गया है। ऐसे में महादेव एप के जरिए दुबई में बैठकर हजारों करोड़ रुपए का ऑनलाइन सट्टा बिना किसी अंतर्राष्ट्रीय माफिया गिरोह के सहयोग के संभव नहीं है।
श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल सरकार ने महादेव एप के प्रमोटर्स को संरक्षण दिया है। ईडी ने अपने अभियोजन पत्र में साफ लिखा है कि गिरफ्तार एएसआई चंद्रभूषण वर्मा मुख्यमंत्री कार्यालय के शक्तिशाली अधिकारियों और महत्वपूर्ण राजनीतिज्ञों को महादेव एप के संचालकों से वसूले गए करोड़ों रुपए सरंक्षण राशि के रूप में देता रहा है। ईडी ने अपने अभियोजन पत्र में यह भी लिखा कि एडिशनल एसपी रैंक के अफसरों को 65 लाख रुपए महीने एप संचालकों की तरफ से रिश्वत के रूप में दिए जा रहे थे।
श्री चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए इससे ज्यादा शर्म की और क्या बात होगी कि एक प्रतिष्ठित सरकारी एजेंसी माननीय अदालत को तमाम सबूतों के साथ यह बता रही है कि किस तरह से इस संगठित लूट को मुख्यमंत्री कार्यालय के शक्तिशाली अधिकारी और राजनेता रिश्वत लेकर संरक्षण दे रहे थे।
ओपी चौधरी ने मांगा मुख्यमंत्री से इस्तीफा
श्री चौधरी ने कहा कि वर्तमान में महादेव एप और इसके सहयोगी रेड्डी अन्ना 50 लाख यूजर्स अनुमानित है। इन यूजर्स के माध्यम से इस गिरोह के सरगना एक हजार करोड़ से भी अधिक धन विदेश भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस काम में गिरोह तकरीबन 20 हजार कॉर्पोरेट, करंट, सेविंग बैंक खातों और 250 से ज्यादा शैल कंपनियों का इस्तेमाल कर रहा है। इस खुलासे के बाद अब मुख्यमंत्री में जरा भी नैतिकता है, तो अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। मुख्यमंत्री का बयान बौखलाहट से भरा श्री चौधरी ने बताया कि ईडी ने इस मामले में सुपेला पुलिस द्वारा मई 2022 में मामला दर्ज करने के बाद महादेव एप की जांच शुरू की है। ऐसे में मुख्यमंत्री का आरोप बेतुका और बौखलाहट से भरा है। दरअसल, कांग्रेस सरकार और उसकी पुलिस ने महादेव एप के सरगनाओं से और अधिक पैसा ऐंठने की नीयत से दिखावटी कार्रवाई शुरू की थी, जिसमें स्थानीय स्तर पर सट्टेबाजी का काम देख रहे इस गिरोह के छोटे-मोटे गुर्गों को बलि का बकरा बनाकर असल चेहरों को बचाया जा सके।