रायगढ़। ग्राम पंचायतो की मूलभूत सुविधा, निर्माण कार्य एवं विकास कार्य के लिए शासन द्वारा आवंटित राशि का सरपंच- सचिव द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। आए दिन पंचायतो में हो रहे भ्रष्टाचार की खबरें अखबारों की सुर्खियां भी बनती रहीं है। ऐसे भ्रष्टाचारी सरपंच- सचिव को पंचायत माफिया की संज्ञा दी जा रही है। ये पंचायत माफिया शासकीय राशि का उपयोग पंचायत विकास में न कर निजी तिजोरीयां भरने में लगे रहते हैं। शासकीय राशि की बंदरबांट में ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि से लेकर जनपद अधिकारी सबकी अलग-अलग अहम भूमिकाएं होती हैं। यही कारण है कि आज भी कई पंचायतो में विकास तो दूर, आजादी के 75 वर्ष बीतने के बावजूद रोड, नाली, सडक़, बिजली, शिक्षा- स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं।
भ्रष्टाचार की इसी कड़ी में बैहामुड़ा पंचायत के सरपंच एवं सचिव द्वारा भ्रष्टाचार कर लाखों के गबन की शिकायत के बाद हुई जांच में वित्तीय अनियमितता की बात खुलकर सामने आ गयी है। जांच टीम ने स्पष्ट रूप से वित्तीय अनियमितता के जिम्मेदार सरपंच एवं सचिव पर कार्यवाही एवं राशि की वसूली का अभिमत दिया है। यहां बताना लाजमी होगा कि ग्राम पटेल सनत राम राठिया के नेतृत्व में ग्राम के जागरूक नागरिकों द्वारा ग्राम पंचायत में चल रही भर्राशाही और वित्तीय अनियमितता को लेकर ज्ञापन से लेकर सडक़ तक कि लड़ाई लड़ी तब कहीं जाकर वित्तीय अनियमितता की पुष्टि जांच उपरांत हो पाई है। अब सचिव और सरपंच से वसूली की तैयारी है पर शिकायत कर्ता इतने से संतुष्ट नजर नही आ रहे हैं।
6 जून की शिकायत ,4 जुलाई को जाँच,कई मामलों में अभी भी अस्पष्टता
कलेक्टर रायगढ़ के नाम दिए 6 जून को ग्रामीणों द्वारा किये गए शिकायत के बाद तीन सदस्यी जांच टीम जिसमे उप संचालक पंचायत, वरिष्ठ लेखा अधिकारी सहित कार्यालय अधीक्षक जिप रायगढ़ द्वारा जांच की गयी। जांच में शिकायत करता के साथ साथ सचिव एवं सरपंच बैहामुड़ा भी जांच दल के समक्ष उपस्थित हुए जहां जांच उपरांत टीम द्वारा बिंदुवार अभिमत दिया गया जिसमें चार लाख तेरह हजार एक सौ रुपये की वित्तीय अनियमितता जांच टीम द्वारा पाई गई जिसका 50: राशि की वसूली सरपंच नृपत सिंह राठिया से एवं 50: राशि की वसूली सचिव अशोक चौहान से करने प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी को प्रेषित किया गया है ।जांच के बाद शिकायत कर्ता का कहना है कि बिंदुवार की गई जांच में कई बिंदुओं पर दस्तावेज उपलब्ध न होने जैसे टीप से अभिमत स्पष्ट नही किया गया है। जांच टीम द्वारा पकड़ी गई वित्तीय अनियमितता केवल बानगी भर है अगर शिकायत की सूक्ष्म जांच करवाई जाए तो भ्रष्टाचार का पूरा कुनबा खुल जाएगा।
सरपंच की पत्नी को तालाब का ठेका, बेनियम नगद भुगतान
जांच टीम द्वारा की गई जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि बैहामुड़ा के सरपंच नृपत सिंह राठिया ने अपनी पत्नी को ही तालाब का ठेका दे दिया । जांच टीम के सामने तालाब को लीज पर देने की कार्यवाही सम्बन्धी कोई दस्तावेज पेश नही किये गए पर लीज राशि जमा की रसीद प्रस्तुत की गई जिससे स्पष्ट हुआ कि सरपंच द्वारा अपनी पत्नी के नाम पर ही ठेका दे दिया गया है इसके अलावा ग्राम पंचायत द्वारा 5000 से अधिक की राशियों का भुगतान भी नगद दर्शाया गया है जबकि नियमानुसार 5000 से अधिक की राशि का भुगतान नगद नही सकता ।
क्या होगी कार्यवाही, क्या वसूली के बाद बंद हो जाएगा भ्रष्टाचार
इस मामले पर अब प्रशासन कितनी संजीदगी से और क्या कार्यवाही करता है ये देखने वाली बात होगी क्योंकि जांच टीम ने वित्तीय अनियमितता का।जिम्मेदार बताते हुए बैहामुड़ा सरपंच-सचिव से राशि वसूलने का अभिमत तो दिया है पर इसके अलावा वित्तीय अनियमितता के मामले में विभागीय व प्रशासकीय कार्यवाही कितनी कठोर या लचीली होती है इसका इंतजार सभी को है । बहरहाल एस डी एम घरघोड़ा ने जांच रिपोर्ट के बाद 10 दिनों में कार्यवाही का आश्वासन दिया है।