रायगढ़। नगर के अधिकांष इलाके डेंगू की चपेट में हैं, सरकारी अस्पतालों की हालात जग जाहिर है, गरीब आदमी निजी अस्पतालों में महंगा ईलाज कराने के लिए मजबूर हैं, लेकन शहर को डेंगू के काल में धकेल कर निगम के अधिकारी आपदा में भी अवसर ढूंढ रहे है।
उक्ताषय के आरोप लगाते हुए वरिष्ठ इंका नेता मुरारी गुप्ता के निगम के अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि ये लोग केवल फोटो खिंचवाने ए.सी. कमरे से बाहर निकलते है। निगम के अधिकारियों की नकारा कार्यप्रणाली के कारण ही शहर की सारी नालियां जाम हैं, आधे घंटे की बरसात में ही नालियों की गंदगी सडक़ों पर आ जाती है, एक तो नालियों की सफाई नहीं होती दूसरे अवैध निर्माण पर कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण भी नालियां जाम हो जाती है। जैसे ही इन्हें ‘अवसर’ मिलेगा डेंगू के विरूद्ध कार्यवाही शुरू हो जायेगी। निगम के अधिकारियों की निष्क्रीय कार्य प्रणाली का ही यह सबूत है कि कलेक्टर को फील्ड में उतरना पड़ रहा है। आपदा में अवसर और मौके की ताक में रहकर चौका मारने में सिद्धहस्त निगम के अधिकारी विधानसभा चुनावों की आपाधापी और जनप्रतिनिधी एवं उच्चाधिकारियों की व्यस्तता का फायदा उठाकर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने शहर की जर्जर सडक़ों को छोडक़र कृष्णा बिहार कालोनी के भीतर पहले से ही सीमेंट कांक्रीट की मजबूत सडक़ के ऊपर डामर की परत चढ़ाने में निगम के अधो संरचना मद से 50 लाख रूपया फूंक दिया। श्री गुप्ता ने शासन एवं कलेक्टर महोदय से इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा है कि आम जनता के सामने यह बात आना चाहिए कि उसकी अनुषंसा पर उक्त कालोनी के भीतर डामरीकरण में लाखों रूपया फंू का गया है।
आपदा में अवसर ढूंढ रहे हैं निगम के अधिकारी : मुरारी
शहर की जर्जर सडक़ों को छोडक़र निजी कालोनी के भीतर डामरीकरण में 50 लाख फंूके, ‘अवसर’ नहीं मिलने के कारण ही शहर डेंगू की चपेट में
