रायपुर। अब सीबीएसई के छात्र भी स्कूली खेलों में छत्तीसगढ़ टीम के लिए खेल सकेंगे। लोक शिक्षण संचालनालय ने 6 दिन पहले जारी अपने आदेश में संशोधन किया है। ऐसे में सीबीएसई के छात्रों पर एक साल का प्रतिबंध हटा दिया है। स्कूल शिक्षा संचालक ने सरकारी स्कूलों के पीटीआई संघ की मांग पर 24 जुलाई को इस साल के स्कूली खेलकूद में राज्य की टीम से सीबीएसई स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों पर पाबंदी लगा दी थी।
निजी स्कूलों से 2 करोड़ से ज्यादा क्रीड़ा शुल्क
पूरे प्रदेश में करीब 10 लाख छात्र हैं। जिनमें से लगभग 6 लाख निजी स्कूलों से हैं। विभाग को इन्हीं निजी स्कूलों से ही क्रीड़ा शुल्क के रूप में करीब 2 करोड़ 35 लाख रुपए मिलता है। इस तरह के आदेश के बाद से प्राइवेट स्कूल के छात्रों के परिजन भी लामबंद हो रहे थे। प्राइवेट स्कूल के छात्रों के परिजनों का सवाल था कि, जब हमारे बच्चों ने क्रीड़ा शुक्ल दिया है, तो विभाग ऐसे एक तरफा आदेश कैसे जारी कर सकता है? अगर ये आदेश है तो क्या तो हमारे बच्चों ने फीस जमा की है विभाग उसे वापस करेगा? स्कूली खेल कैलेंडर जारी होने के बाद मामले को कोर्ट में ले जाने की तैयारी भी हो चुकी थी। पालकों की नाराजगी और सवालों के बाद निजी स्कूल एसोसिएशन भी सक्रिय हुआ। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने संचालक स्कूल शिक्षा दिव्या मिश्रा को पत्र लिखकर कम से कम एक साल के लिए निजी स्कूलों को स्टेट टीम में भागीदारी की मांग की थी। जिसे स्वीकार करते हुए छात्रों को 2024-25 के शिक्षा सत्र में सीबीएसई के बच्चों को राज्य टीम से खेलने की पात्रता दे दी गई। जिला शिक्षा विभाग (डीईओ) के खेल कैलेंडर में 1 अगस्त से ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता तय कर दी गई थी। 31 जुलाई को संचालनालय से निजी स्कूल संबंधी आदेश के बाद अब यह स्पर्धा 2 अगस्त से शुरू की जाएगी।