रायपुर। डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है, इसकी बानगी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में देखने को मिली है. यहां एक मां अपने बच्चे की आंख की गंभीर बीमारी का इलाज करने वाले डॉक्टर के सेवाभाव से इतनी प्रभावित हुई कि उसने अपने बच्चे का नाम डॉक्टर के नाम पर कर दिया. हम बात कर रहे हैं साईं बाबा हॉस्पिटल के संचालक डॉ. आशीष महोबिया की, जिन्होंने गरीब परिवार के एक बच्चे की आंख की गंभीर बीमारी का निशुल्क इलाज कर बच्चे के आंख की रोशनी बचाई। लेजर ट्रीटमेंट जैसे महंगा माने जाने वाले इलाज को निशुल्क कर डॉ. आशीष महोबिया ने गरीब परिवार के दिल में खास जगह बना ली है. बच्चे की मां डॉक्टर आशीष महोबिया की सदाशयता से इतनी प्रभावित हुई कि उसने बच्चे का नाम बदलकर आशीष रख दिया।
बलौदाबाजार जिले के रवान गांव में रहने वाले सुनील टोप्पो और धनलक्ष्मी को सन 2016 में पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. बच्चे का जन्म रायपुर स्थित एक निजी अस्पताल में हुआ, जहां जांच में पता चला कि उसकी आंखों में कोलोस्टोमी ओपनिंग एंड क्लोजर नामक बीमारी का थर्ड स्टेज है. गरीब मां-बाप के पास इस गंभीर बीमारी का इलाज कराने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे, इसलिए इन्होंने बच्चे को अस्पताल से डिस्चार्ज कराने का निर्णय लिया. इस बात की जानकारी मिलने पर डॉ. आशीष महोबिया ने बच्चे के माता-पिता से संपर्क कर निशुल्क लेजर ट्रीटमेंट करने का आश्वासन दिया. डॉ. आशीष ने परिजनों को बच्चे की बीमारी की गंभीरता के बारे में बताया और कहा कि बच्चे का तुरंत लेजर के जरिए ऑपरेशन किया जाना आवश्यक है.
डॉक्टर की सलाह पर परिजनों ने बच्चे का लेजर आपरेशन करने पर सहमति जताई और डॉ. आशीष ने सफलतापूर्वक लेजर टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए बच्चे की जटिल बीमारी का ऑपरेशन कर दिया. ऑपरेशन के बाद बच्चे की आंखों की रोशनी
बचा ली गई, जिसके बाद परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बच्चे की मां धनलक्ष्मी डॉ. आशीष के मानवीय रवैये से इतनी प्रभावित हुईं कि उसने कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए बच्चे का नाम आशीष ही रख दिया. आज आशीष 8 साल का हो चुका है और अब उसे किसी तरह की परेशानी नहीं है. पुराने समय को याद कर आज भी आशीष की मां धनलक्ष्मी भावुक हो जाती है और बार-बार डॉ. आशीष के प्रति आभार प्रकट करती है।