रायगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के पर्यावरण को सुरक्षित रखने के साथ-साथ ग्लोबल वार्निंग से बचने के लिये एक पेड़ मां के नाम लगाने की शुरूआत की है, लेकिन रायगढ़ जिले के हरे भरे पेड केवल काटने के लिये ही हैं जिसके कारण बड़े धन्ना सेठ जंगलों के बीच जमीन लेकर उसमें फार्म हाउस बनाने का एजेंडा बनाते हुए बकायदा हजारों पेड़ की बलि दे रहे हैं लेकिन प्रशासन को इसकी भनक तक नही है और अब जब मामला सुर्खियों में आया तब प्रशासनिक अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं। इतना ही नही ग्राम के पटवारी व सरपंच भी मोटी रकम लेकर इस पूरे मामले को दबाने में लगे हुए हैं। चूंकि मामला राजनीति पकड के साथ-साथ मोटी कमाई का था इसलिये संबलपुरी स्थित बटर फ्लाई स्थल में जांच टीम नही पहुंची।
रायगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम संबलपुरी में कुछ साल पहले चार धन्ना सेठों ने मिलकर मेन रोड पर स्थित कई एकड जमीन खरीदकर वहां फार्म बनाकर बेचने के लिये बकायदा प्लाटिंग करते हुए उसे बेचना शुरू किया और आज उस जगह पर एक इंच भी जमीन खाली नही है। बताया जा रहा है कि इस जगह को आलीशान बनाने के लिये महुआ, आम, सरई के साथ-साथ अन्य कई पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से होते रही और वहां निर्माण कार्य भी लगातार जारी है। इतना ही नही इलाके को जोडऩे वाली सडक़ पर बड़े अधिकारी भी आना-जाना करते हैं पर किसी की नजर इस बटर फ्लाई प्रोजेक्ट पर नही पड़ी। कुछ दिन पहले ही गांव वालों ने यहां पेड कटने की शिकायत कलेक्टर को की थी और अब मामला तूल पकड़ चुका है।
संबलपुरी ग्राम जो रायगढ़-हमीरपुर मार्ग में स्थित है। यहां रायगढ़ के कुछ बड़े भू-माफियाओं ने एक गुट बनाकर बटर फ्लाई प्रोजेक्ट बनाया जो संबलपुरी में जंगल के बीच में एक आरामगाह के रूप में बनाया है। सैकड़ों पेड़ों को काटकर यहां कॉटेज बनाए जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट की खासियत यह है कि इसे टॉप सीक्रेट बनाकर काम किया जा रहा है। रायगढ़ जिले में ऐसी भी कॉलोनी या प्रोजेक्ट बन सकती है कोई सोच भी नहीं सकता। संबलपुरी में जंगल के बीच रोड किनारे बटरफ्लाई ब्लिस नाम से एक परिसर का निर्माण हुआ है। इस परिसर को सुंदर बनाने के लिये बकायदा साल, महुआ, आम सहित बेशकीमती पेड़ो की बिना अनुमति कटाई कर दी गई जो अभी भी जारी है। ग्रामीणों के अनुसार रायगढ़-हमीरपुर मार्ग से लगी इस बेशकीमती जमीन में लगभग एक दर्जन से भी अधिक प्लाट काटकर दो साल पहले ही बेच दिये गए हैं और अब अन्य जमीन पर भी करोड़ो रूपये में बेचने के बाद उसमें निर्माण कार्य करने के लिये पेड़ो की कटाई की जा रही है।
क्या कहती है इलाके की पटवारी
ग्राम संबलपुरी में बटर फ्लाई प्रोजेक्ट के नाम पर ली गई जमीन पर लगे पेड़ों की जानकारी मांगे जाने पर इलाके की पटवारी कुछ भी कहने से कुसमी सनमानी का कहना था कि अभी उनके नाम इसकी कोई जानकारी नही है। पटवारी ने यहां तक कहा कि वहां पर जमीन किसने खरीदी है इसकी भी जानकारी वह अभी नही दे सकती। चूंकि वह अस्पताल में है। पेड़ो के लगातार कटने पर भी पटवारी ने चुप्पी साध ली। बहरहाल देखना यह है कि अब इस मामले में कलेक्टर को शिकायत होनें के बाद आगे क्या कार्रवाई होती है चूंकि मामला जंगलों के बीच बन रहे बटर फ्लाई प्रोजेक्ट का है और इस प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ो रूपये की कमाई होनें के बाद अब कथित जमीन मालिक पेडो को काटकर इसे दूसरा रूप देने में लगे हैं। एक अन्य पटवारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से लगी कुछ जमीन बंटन भूमि के अंतर्गत भी आती है। सैकड़ों पेड़ काटे गए लेकिन किसी ने कोई आपत्ति ही नहीं की। बेहतरीन तरीके से सभी को सेट करके परिसर का निर्माण किया गया। कहा जा रहा है कि इसमें कई लोगों की ब्लैक मनी लगी है। यहां खरीदारों को आलीशान कॉटेज बनाकर बेचा जा रहा है। लोगों को कहा जा रहा है कि वीकेंड पर आराम करने या पार्टी करने के लिए यहां सारी सुविधाएं बनाई जा रही हैं। इसे फार्म हाउस की तर्ज पर छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा गया है। जमीन पर निर्माण के पूर्व ग्राम पंचायत की एनओसी, वन विभाग की एनओसी ली गई या नहीं, कुछ भी नहीं मालूम। विकास अनुज्ञा पर भी संदेह है। करीब 20 एकड़ में यह फैला हुआ है। संबलपुरी में इतनी बड़ी खाली जमीन तो कहीं है ही नहीं। जहां निर्माण हुआ है वहां चारों तरफ जंगल ही नजर आता है।
कैसे बना इतना बड़ा आरामगाह
पर्यावरण का नुकसान करके बने बटरफ्लाई ब्लिस को लेकर सुगबुगाहट है। यहां पर्सनल फार्म हाउस बनाकर बेचे जा रहे हैं। इसके लिए ली गई जरूरी अनुज्ञा को लेकर संदेह है। सूत्रों के मुताबिक कई लोगों की ब्लैक मनी यहां इन्वेस्ट की गई है।