रायगढ़। सावन के दूसरे सोमवार पर रायगढ़ के शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। शिवभक्त जल, अक्षत, गंध, पुष्प, धूप, दीप से भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना में जुटे रहे। इस पावन अवसर पर मंदिरों में सप्ताह भर पहले से खास साज-सज्जा की गयी है तो कई शिव मंदिरों में विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।
सावन के दूसरे सोमवार के अवसर पर रायगढ़ जिले के शिव मंदिरों कोसमनारा बाबाधाम, गौरीशंकर मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, निकले महादेव, सत्तीगुडी चौक स्थित शिव मंदिर, पहाड़ मंदिर, बाघ तालाब स्थित शिव मंदिर, रामभांठा स्थित शिव मंदिरों के अलावा शहर के अन्य शिव मंदिरों में देर शाम तक भक्तगण भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते नजर आये।
सावन महीने में पडऩे वाले सोमवार का बड़ा ही महत्व है। कहा जाता है कि सावन के सोमवार में व्रत रखने और मां पार्वती के साथ भोलेनाथ की पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। सोमवार का व्रत भी प्रदोष व्रत की तरह करना चाहिए। दिन भर निराहार रहकर भगवान भोलेनाथ का षोडशोपचार विधि से पूजन-अर्चन करना चाहिए और सायंकाल में भी पूजन के साथ-साथ शिवमंत्रों का जप करना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग और धतूर सर्वाधिक प्रिय हैं। इसलिए शिव पूजन में भगवान की इन प्रिय सामग्रियों को उन्हें जरूर अर्पण करना चाहिए। इसके अलावा अपने सामर्थ्य के अनुसार फल-मिठाई भी भगवान भोलेनाथ को अवश्य ही अर्पण करें। शास्त्रों में कहा गया है कि सावन के महीने में भगवान शिव जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को मनोवांछित फल देते हैं। कहा जाता है कि इस महीने में माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ के पूजन-अर्चन से कन्याओं को मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है। सावन के महीने में रुद्राभिषेक से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।