रायगढ़. धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज में बीती रात चारा-पानी की तलाश में गडाईबहरी गांव में आए दो भालू के शावक कुंऐ में गिर गए थे, जिसकी सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने रात में ही उसे रिस्क्यू कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा गया।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बीती रात्रि लगभग 12 बजे छाल रेंज अंतर्गत बोजिया के ग्राम गडाईनबाहरी के बस्ती अंदर कुआं में दो नग भालू के बच्चा गिर जाने से उसकी मां आस पास मंडराने लगी थी, जिसकी जानकारी होते ही ग्रामीणों ने वन विभाग को बताया गया कि एक भालू गांव के कुएं के पास काफी देर से मंडराते हुए गुर्रा रहा है। साथ ही ग्रामीणों ने भालू को कुंआ के पास भगाते हुए जाकर देखा तो उसमें दो बच्चे गिरे थे, ऐसे में कुछ ही देर बाद वन विभाग एवं हाथी मित्र दल छाल टीम मौके पर पहुंच कर बिना समय रेस्क्यू की तैयारी में जुट गए। साथ ही एक टीम मादा भालू को कुएं से दूर रखा गया, ताकि रेस्क्यू में व्यवधान नहीं हो और ग्रामीण जन भी सुरक्षित रह सके। ततपश्चात ग्रामीणों की मदद से करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों शावकों को सफतापूर्वक बाहर निकाला गया और मादा भालू से मिलाते हुए तीनों भालू को सफतापूर्वक कक्ष क्रमांक 505 पीएफ जंगल की तरफ रवाना किया गया। साथ ही वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सूचित किया गया है कि सुबह के समय जंगल की ओर नहीं जाए। दरअसल इस क्षेत्र में जंगली हाथी का 3 दल विचरण कर रहा है इसके साथ ही भालू भी बड़ी संख्या में है, जिससे जंगल जाना खतरे से खाली नहीं है।
रेस्क्यू टीम में ये थे शामिल
भालू के बच्चों को बचाने के लिए रस्क्यू करने प.स. छाल चंद्रविजय सिंह सिदार, प.र.मुकेश बरवा, प.र.लोटान जय प्रकाश एक्का, हाथी मित्र दल छाल टीम से प्रकाश चंद्र भगत, प्रेम सिंह राठिया, जयलाल राठिया, मान सिंह राठिया, हाथी ट्रैकटर आपरेटर दिलीप बेहरा, दिलीप भगत आदि उपस्थित रहे। वहीं पूरे रेस्क्यू आपरेशन में ग्रामीणों का सहयोग सराहनीय रहा।
गांव में कराई गई मुनादी
इस मामले में धरमजयगढ़ वन मंडलाधिकारी अभिषेक जोगावत ने बताया कि, छाल वन परिक्षेत्र में हाथियों और भालुओं की मौजूदगी है। गडाईनबहरी गांव के कुएं से भालू को निकालने के बाद आसपास के सभी गांव में मुनादी कराई गई है कि कोई भी अकेले जंगल की ओर न जाए।