रायगढ़। मैं भी आपकी तरह एक सामान्य परिवार से हूं। बचपन से मुझे सेना में जाने का सपना था। सरकारी स्कूल में 11वीं तक की पढ़ाई करने के बाद साल 1993 में रायगढ़ स्टेडियम में सैनिक भर्ती चल रही थी, मैंने भी एप्लाई किया और शारीरिक दक्षता पास करके फौज में जाने का रास्ता प्रशस्त कर लिया। महिनों ट्रेनिंग के पश्चात आखिरकार मई 1999 का वो दिन कौन भूल सकता है जब पाकिस्तानी घुसपैठियों ने करगिल पर नापाक इरादों से कब्जा करने की कोशिश की, जिसे 88 दिनों के लम्बे संघर्ष में हमारी भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय चलाकर न केवल दुश्मन सेना को मार भगाया बल्कि घाटी के चारों तरफ शान से तिरंगा लहरा दिया। यह कहना है करगिल युद्ध में राजपूताना राइफल के हवलदार रहे गुलाबन सिंह ठाकुर का। रायगढ़ का लाल गुलाबन सिंह वो जवान है जो करगिल युद्ध में हुए बम धमाके से घायल हो गए थे। करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर जिला मुख्यालय से लगे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संबलपुरी में आज भारत माता के इस वीर सपूत का सादे समारोह में शालेय परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया?। इस अवसर पर संस्था के प्रभारी प्राचार्य त्रिलोचन प्रसाद चौधरी, व्याख्याता तरूण कुमार राठौर, सुधीर कुमार ठेठवार, श्रीमती संगीता राठौर, अर्चना लकड़ा, सुचिता भगत, मीनाक्षी देवांगन, नजमा बानो, अंजली देहरी, सुश्री असीमा तिर्की, ऊष्मा पटैल व स्टाफ उपस्थित थे।
देश सेवा से जुड़ें युवा
वर्तमान में बैंक ऑफ बड़ौदा में सेवा दे रहे गुलाबन सिंह ने यहां के छात्र-छात्राओं को अग्निवीर जैसी महती योजना से जुडक़र देश सेवा के लिए प्रेरित किया और सेना से जुड़ी छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।