रायगढ़। शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से सम्बद्ध विष्णुचरण गुप्ता शासकीय महाविद्यालय पुसौर द्वारा पूसौर विकासखंड के शासकीय एवं अशासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के साथ जीईआर वृद्धि के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। शासकीय महाविद्यालय पुसौर के प्राचार्य प्रो. पी किंडो के मार्गदर्शन एवं महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति के संयोजक डॉ. सरोज कुमार के कुशल निर्देशन में महाविद्यालय में एक तीन सदस्यीय प्राध्यापकों की समिति गठित की गई थी जिसमे वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष श्री रमेश कुमार साहू हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष श्री श्रीबच्छ भोय एवं रसायनशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ.सरोज कुमार शामिल थे जिन्होंने पुसौर ब्लॉक के 15 उच्चतर माध्यमिक विद्यायलों की मैपिंग की और वहां जाकर बारहवी में दर्ज विद्यार्थीयों की संख्या एवं उनके उत्तीर्ण अनुत्तीर्ण के आंकड़े लिए। साथ ही जीईआर वृद्धि हेतु आयोजित होने वाली कार्यशाला के लिए उन्हें आमंत्रित भी किया। कार्यशाला का आयोजन दिनांक 20/07/24 को किया गया जिसमे 9 स्कूल के प्राचार्य एवं शिक्षक जिसमे सेजस पुसौर, सेजस कोड़ातराई, सेजस औरदा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महलोइ, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जतरी, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छीछोरउमरिया, आदर्श ग्राम भारती स्कूल, अभिनव विद्या मंदिर,आर्य विद्यासागर स्कूल पुसौर,सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य श्री पी.किंडो द्वारा स्वागत उत्बोधन देते हुए कार्यक्रम में आए प्राचार्यो एवं शिक्षकों का स्वागत किया एवं एनईपी के संबंध में संक्षिप्त में बाते रखी। इनके पश्चात् महाविद्यालय के एनईपी संयोजक डॉ.सरोज कुमार ने जीईआर की वर्तमान स्थिति एवं भविष्य के लक्ष्य को पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत किया। छ.ग.में जीईआर 18त्न है जबकि भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग का लक्ष्य 50 प्रतिशत करने का है। विभिन्न विद्यालयों से संबंधित डाटा से स्पष्ट हुआ की विद्यालयों से कला, विज्ञान एवं वाणिज्य निकायों में उत्तीर्ण विद्यार्थियो के अनुपात में बड़ा अंतर है। सत्र 2023-24 में कला संकाय में उत्तीर्ण विद्यार्थियो की संख्या 462 विज्ञान के विद्यार्थियो की संख्या 270 एवं वाणिज्य के विद्यार्थी की संख्या 240 है। उत्तीर्ण विद्यार्थियो के अनुपात में अंतर होने के कारण महाविद्यालय में कला के विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले पाते जबकि वाणिज्य एवं विज्ञान में मुश्किल से ही सीट भर पाती है अथवा खाली रह जाती है गणित में उत्तीर्ण विद्यार्थियो की संख्या बहुत ही कम है और इस कारण गणित की सीट खाली रह जाती है इसी कारण से जीईआर का प्रतिशत कम हो रहा है।
इसके लिए विद्यालय के प्राचार्यो से अनुरोध किया गया की विद्यार्थियो को गणित, वाणिज्य, इतिहास, अंग्रेजी आदि विषयों के महत्व बताते हुए उन्हे उपरोक्त विषय ग्यारहवीं में लेने के लिए प्रेरित करे। जीईआर में वृध्दि हेतु शास.महा.पुसौर द्वारा एक अभिनव पहल की गई। उच्च्चतर माध्यामिक विद्यालयों के प्राचार्यो से एक एमओयू किया गया। इस एमओयू के अंतर्गत विद्यालयों एवं महाविद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियो के मध्य पारस्परिक ज्ञान के आदान प्रदान हेतु सहमति की गई ताकि जीईआर में वृध्दि हो सके।ध्यातव्य है कि नैक द्वारा बी प्लस ग्रेड प्राप्त करने वाला यह जिले का एक मात्र महाविद्यालय है जिसने अपने कुछ विशेष कार्यों के कारण बहुत कम समय में अंचल में विशिष्ट पहचान बनायी है। पूरे प्रदेश में इस सत्र से नई शिक्षा नीति लागू होने पर शिक्षा के क्षेत्र में हुए व्यापक बदलाव को दृष्टिगत रखते हुए शासकीय महाविद्यालय पुसौर द्वारा वहां के विद्यालयों से शिक्षा प्राप्त कर महाविद्यालय आने वाले नवप्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि करने एवं उन्हें इस प्रक्रिया में आने के लिए पूर्व से ही तैयार करने का एक रोडमैप बनाया गया जिसके तहत विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्यों के साथ एक औपचारिक आयोजन किया गया।इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों से आये प्राचार्य एवं शिक्षको आर चौधरी, मोहन गुप्ता, सतपथी, विजय साव, सुकलाल द्वारा भी विचार व्यक्त किये गए और पहली बार इस प्रकार का आयोजन करने के लिए पूरे महाविद्यालय प्रशासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया। अंत में महाविद्यालय की ओर से प्रो. रमेश कुमार साहू ने आभार प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय से प्रो. जयनारायण नायक, प्रो. शिवानी शर्मा, प्रो. शीतल केरकेट्टा, प्रो. बालमुकुंद पटेल की सक्रिय सहभागिता रही।