बरमकेला। अविभाजित रायगढ़ जिला भाजयुमो के सोशल मीडिया प्रमुख रहे युवा नेता जयकिशन नायक की तृतीय पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। पारिवारिक पृष्ठभूमि: सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला अंतर्गत सरिया और बरमकेला के बीच एक गांव है जिसका नाम बार है। यहां के प्रतिष्ठित ‘मंझला गौटिया’ स्व. ईश्वरप्रसाद नायक जी के चार पुत्र में से सबसे छोटे बेटे रामकुमार नायक जो की सरपंच से लेकर कई बार जनपद सदस्य एवं जनपद उपाध्यक्ष रह चुके हैं तथा वर्तमान में अघरिया समाज के केंद्रीय उपाध्यक्ष के पद पर आसीन है। उनके घर 25 अगस्त 1996 को एक नन्हा मेहमान का आगमन हुआ था जिसका नाम रखा गया जयकिशन… वह रामकुमार नायक एवं श्रीमती इंद्रा नायक के दो पुत्रों में से बड़ा था।
शिक्षा दीक्षा और राजनीतिक पारी की शुरुआत –
जयकिशन की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही संचालित सरस्वती शिशु मंदिर में हुआ फिर आगे की पढ़ाई मोना मॉर्डन स्कूल बरमकेला और उच्चत्तर माध्यमिक की शिक्षा भिलाई नगर के शंकुन्तला विद्यालय में हुआ था। तदुपरान्त उन्होंने एल.एल.बी.की शिक्षा योगानंद छत्तीसगढ़ कॉलेज में तीसरे सेमेस्टर से की। उसने अपने पिता के नक़्शे कदम पर चलते हुये राजनीतिक पारी की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता के साथ प्रारंभ किया और कम उम्र में ही राजनीति के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई। जनसम्पर्क और सेवाभाव के कार्यो को अपनाकर आगे बढ़ता चला गया।
बता दें कि एक बहुत ही ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और क्षेत्र के प्रति अच्छी सोच एवं निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता के बदौलत मुख्यमंत्री मा. विष्णुदेव साय वित्तमंत्री मा. ओपी चौधरी,विधायक श्रीमती गोमती साय,जगन्नाथ पाणिग्राही,प्रबल प्रताप सिंह जूदेव जैसे नेताओं के प्रिय पात्र बन चुका था।
जिसके कारण छोटे कम उम्र में ही उसे रायगढ़ भाजपा युवा मोर्चा में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। निश्चित रूप से उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
अल्पायु में ही भगवान ने उन्हें अपने पास बुला लिया
जयकिशन नायक अपने घर में सबसे अधिक प्यारा और दुलारा था,अपने सहपाठियों,संगी-साथियों में भी काफी लोकप्रिय थे। अपने पिताजी के राजनीति विरासत को बहुत तेजी से आगे ले जा रहे थे कि इक दिन वे सडक़ हादसे के चपेट में आ गए और इस अनचाहे घटना से सबके चहेते जयकिशन को भगवान ने सदा सदा के लिए अपने पास में बुला लिया। जिसके बाद मंझला गौटिंया परिवार के साथ भाजपा परिवार पर आफत की घड़ी आ पड़ी और उसने एक होनहार युवक को खो दिया जिसका ग़म आज तक भुला ना जा सका हैं।