रायगढ़। शहर के सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राजीव नगर रायगढ़ के भैया-बहनों में जिम्मेदारी निर्वहन करने का गुण विकसित करने एवं विद्यालय की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के निमित्त आज शिशु संसद शिशु भारती, बाल भारती, किशोर भारती एवं कन्या भारती के पदाधिकारियों एवं सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह का भव्य आयोजन किया गया।
माँ शारदे पूजा से कार्यक्रम का शुभारंभ
भारतीय परम्परानुसार विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती, ऊं एवं भारत माता के तैलीय चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर पूजन अर्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
प्राचार्य जगदेव पटेल ने दिलाई शपथ
पूजा-अर्चना कार्यक्रम के पश्चात विद्यालय के सभी आचार्य बन्धु – भगिनी तीजा पटवा, रजनी थवाईत, रेवती मालाकार, ममता वंजारी, कविता तिवारी, सुषमा होता, विजया लक्ष्मी पटेल, ओजस्वी तिवारी, दीपिका साहू, उजाला साहू, सीमा वर्मा, योगिता राठौर की उपस्थिति में विद्यालय के प्राचार्य जगदेव प्रसाद पटेल के द्वारा शपथ दिलाई गई। तत्पश्चात् पद्मलोचन पटेल आचार्य ने भैया – बहनों को दायित्व बोध कराते हुए कहा कि विद्यालय के समस्त विभागों के कार्य सुचारू रूप से संचालित होता रहे। इसीलिए कई तरह के दायित्व एवं जिम्मेदारी सौंपी गई है।जिसे छोटा ना समझे। सभी कार्य चाहे जो भी हो। मन लगाकर अपने – अपने दायित्व का निर्वाह करते रहने की नितांत आवश्यकता है। तत्पश्चात् विद्यालय की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो। इस हेतु अन्य सभी दायित्ववान जिम्मेदारी निभाने वाले भैया – बहनों को भी शपथ दिलाई गई। जिसमें प्रार्थना, स्वच्छता, भोजन – जल, साज सज्जा, अनुशासन, चिकित्सा, खोया – पाया, शारीरिक, सांस्कृतिक उत्सव, बागवानी, प्रचार प्रसार है।
आचार्य भारती का गठन
विद्यालय के आचार्य बन्धु – भगिनी के लिए भी आचार्य भारती का गठन किया गया है। जिससे हर कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न हो। अगली कड़ी में आचार्य व्यक्तित्व विकास को दृष्टिगत रखते हुए प्रथम मासिक आचार्य व्यक्तित्व आवर्ती वर्ग आयोजित किया गया। जिसमें कई विषयों पर अनुभवी आचार्य बन्धु – भगिनीयों में रेवती मालाकार आचार्या के द्वारा सरस्वती वंदना या कुन्देन्दुतुसार हार धवला का अभ्यास कराया गया। कु. दीपिका साहू के द्वारा संस्थान द्वारा तय वार्षिक गीत का अभ्यास कराया गया। पद्मलोचन पटेल आचार्य ने विद्या भारती पंचपदी शिक्षण पद्धति में आचार्य दैनंदिनी कैसे भरें ? इस विषय पर सारगर्भित विचार रखा। अभिभावक सम्पर्क क्यों और कैसे? विषय पर कुबेर लाल माली आचार्य के द्वारा अभिभावक सम्पर्क क्यों और कैसे ? विषय के महत्वपूर्ण बिंदुओं से अवगत कराया गया। इसके बाद प्रारंभिक समता के अंतर्गत एकश: सम्पत्, एक तति, द्वि तति, त्रि तति , वाम वृत, दक्षिण वृत अर्ध वृत, वाम सर, दक्षिण सर, पूर सर, प्रति सर का अभ्यास करारा गया। विद्यालय में संस्कारक्षम वातावरण विषय पर तीजा पटवा एवं रेवती मालाकार आचार्या ने अपने-अपने विचार रखे। तत्पश्चात् ऐसे प्रशिक्षण वर्गों के महत्व को रखा। सुषमा होता आचार्या के द्वारा कल्याण मंत्र कराया गया।
अपनी क्षमता वृद्धि करने का अवसर है
वहीं कार्यक्रम के अंत में संस्था प्रमुख जगदेव प्रसाद पटेल ने कहा कि यह आचार्य आवर्ती व्यक्तित्व विकास वर्ग हम सभी आचार्य बन्धु-भगिनीयों के लिए हर क्षेत्र में अपनी क्षमता एवं क्षमता वृद्धि करने का एक अवसर है। अत: हम सभी को सीखने के लिए तत्पर रहने की आवश्यकता है। उक्त कार्यक्रम का सफल संचालन रेवती मालाकार आचार्या ने किया व कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल के सभी स्टॉफ सदस्यों व बच्चों का सराहनीय योगदान रहा।
व्यक्तित्व विकास वर्ग का सरस्वती शिशु मंदिर में भव्य आयोजन
छात्र पदाधिकारियों को दिलाई गई शपथ
