सारंगढ़। चंद्रपुर में जब चाहे तब नो एंट्री और जब चाहे तब फ्री एंट्री का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही दिनों में एसडीएम साहब ने फिर आदेश दे दिए हैं कि जो भी भारी वाहनें हैं टेलर, डंपर इत्यादि अब चंद्रपुर रोड में परिवहन नहीं होंगे, जिस कारण अब सभी गाडिय़ां सरिया मार्ग से घूम कर जा रही है। चंद्रपुर में लगभग 2 किलोमीटर की रोड बन रही है और लोगों तथा ट्रांसपोर्टरों का जीना बेहाल हो रहा है। बरसात के दिनों में तो वैसे भी गाडिय़ों की पहिए थम जाती हैं और जो दो-चार गाडिय़ां चल रही है उसको भी अब 30 किलोमीटर ज्यादा घूम कर जाना पड़ रहा है। आखिर में ठेकेदार द्वारा इस रोड को बनाने में इतना दिन क्यों लगाया जा रहा है यह समझ से परे है।
एसडीएम साहब को ट्रांसपोर्टरों का कोई ख्याल है ही नहीं, उनकी जब मर्जी चाहे तब चंद्रपुर में नो एंट्री और जब मर्जी चाहे तब फ्री एंट्री लगा रहे हैं, ऐसा तो हाल चंद्रपुर का है। इस मामले में कलेक्टर साहब भी ध्यान नहीं दे रहे हैं और इसका खामियाजा ट्रांसपोर्टर भुगत रहे हैं। लगभग किलोमीटर का रोड बना रहे हैं और यहां ट्रांसपोर्टरों का दो सौ करोड़ की नुकसान करने में लगे हुए हैं। जितना तो रोड नहीं बना रहा है उससे ज्यादा तो ट्रांसपोर्टरों को नुकसान हो रहा है, क्योंकि बारिश के दिनों में ट्रांसपोर्टरों की गाड़ी चलती ही नहीं है। ट्रांसपोर्टरों का इतना बुरा दिन आ गया है कि वह अब गाडिय़ां चला ही नहीं पा रहे हैं, क्योंकि चंद्रपुर रोड में भारी वाहन परिवहन वर्जित कर दिया गया है वह भी किस लिए सिर्फ लगभग दो किलोमीटर रास्ता बन रहा है इसलिए।
लात नाला बेरियर में गार्डों की दादागिरी
वही प्राप्त जानकारी के अनुसार लात नाला बेरियर में गार्ड का ड्यूटी लगाया गया है कि कोई भी भारी वाहन गाडिय़ां नो एंट्री में ना जाए, लेकिन यहां तो गार्ड द्वारा छोटे पिकअप व छोटे हाथी जैसे गाडिय़ों को भी नहीं जाने दिया जा रहा है। अगर चंद्रपुर में राशन की समान खाली होना हो और वह गाड़ी चंद्रपुर जाने के लिए सारंगढ़ से निकला हो तो उस गाड़ी को भी जाने नहीं दिया जा रहा है, इतना तो दादागिरी गार्ड लोगों द्वारा किया जा रहा है। इन पर शासन प्रशासन भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है, अगर ऐसा हुआ तो चंद्रपुर में राशन सामान भी मिलना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि चंद्रपुर में सारंगढ़ से ही राशन सामान आना होता है और दूसरा अगर रायगढ़ से आए तो पर भी चंद्रपुर आना ही होगा, लेकिन उधर से भी आने नहीं नहीं दिया जा रहा है। आखिर कैसे आदेश दे दिए हैं एसडीएम साहब यह तो समझ से परे है।
ठेकेदार कच्ची मिट्टी डालकर बना रहा है रोड
वहीं अगर चंद्रपुर की बात करें तो वहाँ सीसी रोड निर्माण हो रहा है, जिसमें नियमानुसार पहले डब्ल्यू एम एम डालना होता है, लेकिन यहां तो डब्ल्यू एम एम डाला ही नहीं जा रहा है केवल कच्ची मिट्टी को ही डालकर ऊपर में ढलाई कर दिया जा रहा है और बिना वाइब्रेशन के ही यह किया जा रहा है। अगर इसमें गाडिय़ां चलेगी तो कुछ ही दिन में रोड खराब हो जाएगी, लेकिन ठेकेदार की मनमौजी थमने का नाम नहीं ले रहा है और बेरोकटोक लगभग दो किलोमीटर की सडक़ बनाने के लिए इस रोड को बंद किया गया है, आखिर शासन प्रशासन कैसे इतनी निंद्रा में है।
महज़ 10 कदम की रोड बनाने के चक्कर में बड़े गाडिय़ों के लिए एनएच को कर दिए बंद
वहीं हमने चंद्रपुर में जाकर देखा तो पता चला कि यहां तो महज़ 10 कदम की रोड बनने को ही बाकी है और इसके चक्कर में काम को एकदम धीमी गति से कर रहे हैं ठेकेदार और रोड को बंद कर दिए हैं। बड़े-बड़े ट्रांसपोर्ट और गाडिय़ां बंद हो गई है जिससे कई सारे रोड़ो का काम प्रभावित हो रहा है, क्योंकि अगर कहीं पर भी रोड का काम करना है तो गुड़ेली – टिमरलगा से ही लाइन स्टोन की सेलिंग की जाती है तभी रोड बनता है, लेकिन यहां तो रोड को ही बंद कर दिया गया है तो दूसरे ठेकेदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वह जिस रेट में माल ले रहे हैं उसमें उनका नुकसान हो रहा है तो माल ही नहीं ले पा रहे हैं और रोड नहीं बन रहा है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन?
महज़ दस कदम की दूरी बनने को बाकी रोड के लिए एनएच को किया गया बंद
ठेकेदार द्वारा कच्ची मिट्टी डालकर तैयार किया जा रहा है चंद्रपुर गौरव पथ
