रायगढ़। जशपुर को नागलोक कहा जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों से रायगढ़ जिले में भी सांपों की संख्या लगातार बढ़ी है। आंकड़ों के मुताबिक, 8 सालों में 50 हजार से ज्यादा सांप रेस्क्यू किए गए हैं। इनमें अकेले 2 माह में ही 500 से ज्यादा सांपों को पकड़ा गया है। सर्परक्षक टीम के मुताबिक, इनमें जहरीले और बिना जहर वाले मिलाकर 26 से ज्यादा प्रजातियां मिल चुकी हैं। बारिश और धूप के कारण शहर के मोहल्लों और आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सांप निकल रहे हैं। आए दिन टीम के पास कॉल आ रहे हैं। सांपों को पकडक़र सुरक्षित जंगल में छोड़ा जा रहा है।
रेस्क्यू कॉल की संख्या बढ़ी
सर्परक्षक एंड एनिमल रेस्क्यू टीम में 19 सदस्य हैं इनमें अलग-अलग क्षेत्र से 12 रेस्क्यू करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि बाकी दिनों में हर दिन 15 से 20 कॉल आते हैं। अब बारिश का मौसम आने के बाद यही कॉल संख्या 50 से 70 तक हो जाती है। हालांकि सर्परक्षक टीम के सदस्यों का यह भी मानना है कि रायगढ़ में 40 से ज्यादा वार्ड हैं इसलिए बाकी जिलों की अपेक्षा ज्यादा रेस्क्यू कॉल आते हैं।
कई बार छूट जाते हैं कॉल
कई बार ऐसा होता है कि सर्परक्षक टीम के व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज या उनके पास रेस्क्यू के लिए कॉल आते हैं, लेकिन वे दूर या दूसरी जगह सांप का रेस्क्यू करने में व्यस्त रहते हैं। इसके कारण कई रेस्क्यू कॉल छूट भी जाते हैं।
जशपुर में अब तक 70 से ज्यादा सांपों की प्रजातियां
सर्परक्षक टीम के पदाधिकारियों ने बताया कि रायगढ़ जिले में सांप की अब तक 26 प्रजातियां देखी गई है। टीम का यह भी कहना है कि आने वाले दिनों में प्रजातियों की संख्या और बढ़ेगी। अब बारिश में सांप ज्यादा संख्या में निकलेंगे, क्योंकि जुलाई में जब अंडे से सांप के बच्चे निकलते हैं तो इनकी संख्या और बढ़ जाती है। वहीं जशपुर में 70 से ज्यादा सांपों की प्रजातियां मिली हैं इसलिए जशपुर को ‘नागलोक’ कहते हैं।
रसेल वाइपर का स्वभाव आक्रामक
सर्परक्षक टीम के सदस्य नीरज ने बताया कि सबसे खतरनाक स्वभाव का सांप रसेल वाइपर है। यह सांप रायगढ़ जिले में लगभग कई जगह पाया जाता है। उन्होंने बताया कि शहर के नदी नालों के आसपास, भेलवा टिकरा, उर्दना, बड़े रामपुर, इन्दिरा नगर ,सर्किट हाउस, गोर्वधनपुर, रेगड़ा, बोईरदादर, विनोबा नगर, गोपालपुर, लोइंग, महापल्ली, वृन्दावन कालोनी, भगवानपुर में ये सांप निकल चुके हैं।
दो माह में 500 रेस्क्यू
सर्परक्षक समिति के अध्यक्ष विनीतेश तिवारी ने बताया कि पिछले 2 माह में लगभग 500 सांप रेस्क्यू हुए हैं। जिनमे ज्यादातर इंडियन स्पेक्टीकल कोबरा, कॉमन करैत, बैंडेड करैत, बड़े साइज के धमना सांप, अजगर, कॉमन वूल्फ, कॉमन कुकरी है। सर्परक्षक समिति का उपाध्यक्ष जयनारायण खर्रा ने बताया कि सांपों को पकडक़र लोगों को उसके बारे में बताया जाता है ताकि लोग भयमुक्त रहे। इसके बाद शहर के करीब के जंगलों में सुरक्षित छोड़ा जा रहा है।