रायगढ़। बीते 30 जुलाई को लैलूंगा पुलिस द्वारा पशु तस्करों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 पशु तस्करों से 137 नाग कृषक मवेशियों को मुक्त कराया गया था, आरोपियों द्वारा मोटर सायकल पर मवेशियों को पीछे से हांकते, क्रूरता पूर्वक मारते-पीटते से जिले की सीमा से पर झारखंड बूचडखाने ले जा रहे थे। इस मामले में फरार एक पशु तस्कर को लैलूंगा पुलिस ने दबोचते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
मुखबिर सूचना पर कार्यवाही करते हुए लैलूंगा पुलिस ने पूर्व में ग्राम ढोर्रोआमा तालाब खार जंगल में घेराबंदी कर चार आरोपी – देवगन मरकाम, चनेश सिदार, सोनू सिदार, शिवनाथ राम भुईंहर को पकड़ा गया जिनके कब्जे से 137 नग कृषक मवेशी को जप्त किया गया है, पूछताछ पर मवेशी तस्करों ने झगरपुर निवासी सलीम खान, करवारजोर निवासी रबूल खान तथा नाजीर खान का मवेशी होना और मवेशियों को बूचडख़ाना ले जाना बताये। लैलूंगा पुलिस ने पकड़े गये पशु तस्करों समेत सलीम खान, रबूल खान तथा नाजीर खान समेत को मामले में आरोपी बनाया गया था।
गिरफ्तारसुदा चारों आरोपियों को रिमांड पर भेजा गया तथा अन्य आरोपियों की सरगर्मी से पतासाजी की जा रही थी। आरोपियों में सलीम खान पूर्व में भी मवेशी तस्करी के अपराध में गिरफ्तार हुआ है जिसके विरुद्ध थाना लैलूंगा में मारपीट के भी केस दर्ज हैं, आरोपी पर मिली शिकायतों पर लैलूंगा पुलिस कई बार प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्यवाही किया गया है बावजूद आरोपी सलीम खान के अपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता को देखते हुए लैलूंगा पुलिस आरोपी पर धारा 110 सीआरपीसी के साथ जिला बदर की कार्रवाई के लिये उसके आपराधिक रिकार्ड खंगाला जा रहा है। घटना के बाद से फरार आरोपियों पर थाना प्रभारी लैलूंगा निरीक्षक मोहन भारद्वाज द्वारा मुखबिर लगा रखे थे जिसमें आरोपी सलीम के बिलासपुर की ओर छिपे होने की जानकारी मिली थी।
स्थानीय सूत्रों को भी पुलिस सूचना देने लगाया गया था। कल आरोपी सलीम खान को कुंजारा कॉलेज के पास देखे जाने की मुखबीर सूचना पर लैलूंगा पुलिस द्वारा घेराबंदी कर आरोपी सलीम खान पिता अलीम खान उम्र 38 साल निवासी झगरपुर थाना लैलूंगा को हिरासत में लिया गया जिसे पशु तस्करी के अपराध में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। लैलूंगा पुलिस आरोपी पर पृथक से धारा 110 सीआरपीसी कार्रवाई कर रही है। आरोपी की पतासाजी, गिरफ्तारी में थाना प्रभारी लैलूंगा निरीक्षक मोहन भारद्वाज, सहायक उपनिरीक्षक चंदन सिंह नेताम, प्रधान आरक्षक सोमेश गोस्वामी और रामरतन भगत की अहम भूमिका रही है।