रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोकतंत्र सेनानियों का त्याग-तपस्या और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्हें सम्मान देने के लिए राज्य सरकार द्वारा सम्मान निधि देना फिर से शुरू कर दिया गया है और पिछले पांच वर्षों की रोकी गई सम्मान निधि की राशि सेनानियों को एकमुश्त दी जा चुकी है। पिछली सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि को बंद कर दिया था।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज अपने निवास कार्यालय में आपातकाल की 49वीं वर्षगांठ आपातकाल स्मृति दिवस पर आयोजित लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र सेनानी स्वर्गीय श्री बलीराम कश्यप और स्व. नरहरि साय सहित अनेक सेनानियों का स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों को शाल, श्रीफल देकर सम्मानित किया। इस मौके पर लोकतंत्र सेनानियों ने मुख्यमंत्री श्री साय को चांदी का मुकुट और गजमाला पहनाकर सम्मान निधि पुन: प्रारंभ करने और पिछले पांच वर्षों की राशि देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों को मुख्यमंत्री निवास में सपरिवार आमंत्रित किया गया।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव और श्री विजय शर्मा, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, श्री धरमलाल कौशिक, मध्य क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना, प्रांत संघचालक श्री टोपलाल वर्मा, लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सच्चिदानंद उपासने, प्रदेश अध्यक्ष श्री दिवाकर तिवारी, श्री रामप्रताप सिंह, भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को बचाने के लिए लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) ने काफी कष्ट उठाया, लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने परिवारों की परवाह न करते हुए जेल गए, जहां उनके साथ बर्बरता की गई, उनके परिवारजनों ने भी काफी कष्ट सहे। कई घरों में चूल्हा जलना मुश्किल हो गया था। जिन परिवारों में कमाने वाले जेल गए ऐसे कई परिवार बरबाद हो गए। देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए इन सेनानियों ने और उनके परिवारों ने अतुलनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगा था, विपक्षी नेताओं को जेल में बंदकर दिया गया था। मीडिया का अधिकार छीन लिया गया था, लोगों को प्रताडि़त किया गया। इसी की याद में 25 जून को काला दिवस के रूप में मनाते हैं।
लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सच्चिदानंद उपासने ने अपने सम्बोधन में आपातकाल के दौरान लोकतंत्र सेनानियों के संघर्षों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब हम सडक़ों पर निकलते थे, तो लोग मुंह फेर लेते थे। लोग बात करने से कतराते थे। उस काल की प्रताडऩा और कष्टों से कई परिवार बर्बाद हो गए। आज भी उनकी स्थिति नहीं सुधरी है। लोकतंत्र सेनानियों की भावी पीढ़ी को किसी न किसी रूप में संगठित कर अच्छे काम में लगाने के उद्देश्य से लोकतंत्र प्रहरी संगठन की कल्पना की गई है। कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों के साथ अधिवक्ता श्रीमती सुप्रिया उपासने दुबे को संघ की ओर से कानूनी लड़ाई लडऩे के लिए तथा श्री संतोष कुमार शर्मा को भी संगठन के कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री साय आज होंगें जनता से रू-ब-रू
मुख्यमंत्री निवास में होगा जनदर्शन प्रत्येक गुरुवार
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जनता से रूबरू होकर आज 27 जून को आम जनता की समस्या को सुनकर त्वरित निराकरण करेंगें। मुख्यमंत्री आमजनों से प्रत्येक गुरुवार जनदर्शन कार्यक्रम में जनता से मुलाकात करेंगें। यह कार्यक्रम हर गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में पूर्वान्ह 11 बजे से दोपहर 01 बजे तक आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय जनता से सीधे संवाद करेंगें और शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की जानाकरी लेंगें। मुख्यमंत्री श्री साय आज 27 जून को जनदर्शन से मुलाकात कर उनकी समस्या से अवगत होंगे और नागरिकों की समस्याओं को सुनकर एवं उनके यथासंभव त्वरित निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करेंगे। इसके साथ ही जनता के सुझाव, शासकीय योजनाओं की उन तक पहुंच की जानकारी भी इस माध्यम से प्राप्त करेंगे।
सेनानियों ने बड़े कष्ट सहे हैं- अरुण साव
उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने बड़े कष्ट सहे। जो जेल गए उन्होंने जेल में और उनके परिवारों ने जेल के बाहर यातनाएं सही। उनका त्याग बहुत बड़ा है। उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने घर का अमन-चैन त्यागकर लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी। उनका यह अभियान वंदनीय है। मध्य क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने कहा कि लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए हमें लोकतंत्र सेनानियों के संघर्षों को याद रखने की जरूरत है। हमारा यह दायित्व है कि एक पीढ़ी की कुर्बानी और संघर्ष की कहानी का क्रम अगली पीढ़ी तक बना रहे।
मीसा बंदियों के सम्मान के दौरान देवकी महाराज को याद कर भावुक हुए मुख्यमंत्री
रायगढ़। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आपातकाल के 49 वर्ष पूरे होने पर लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) के सम्मान समारोह के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अपने राजनैतिक गुरु देवकी महाराज को याद करते हुए भावुक हो गए।विदित हो देवकी महाराज भाजपा शहर महामंत्री सुमीत शर्मा के नाना एवम जशपुर भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं कुनकुरी के पार्षद अमन शर्मा के दादा थे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय देवकी महाराज से जुड़े संस्मरण साझा करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा मेरे गुरु देवकी महाराज ने अपातकाल के दौरान बहुत सी यातनाएं झेली।भाजपा के लिए वे डटे रहे लेकिन नही झुके। उनके परिवार ने भी इस दौरान बहुत सी यातनाएं झेली है। राजनीति में मेरे गुरु रहे देवकी महाराज के योगदान को भाजपा कभी विस्मृत नहीं कर सकती। देवकी महाराज को भाजपा के लिए नीव का पत्थर बताते हुए मुख्यमंत्री साय में कहा देवकी महाराज के त्याग तपस्या की बदौलत भाजपा सत्ता में आई। सही मायने में भाजपा के लिए जमीनी संघर्ष करने वालो में वे शामिल थे। देवकी महाराज कें परिवार का मैं सदैव ऋणी रहूंगा । देवकी महाराज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनका योगदान सदैव जीवित रहेगा।