रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के जिला सहकारी बैंक में 52 लाख का घोटाला हुआ है। जब बैंक के अकाउंटेंट और क्लर्क ने अपनी सैलरी लंबे समय तक खर्च करने के लिए नहीं निकाला, तो मैनेजर को शक हुआ। जिसके बाद विजिलेंस सेल की जांच में पूरे घोटाले का खुलासा हुआ। इस मामले में मौदहापारा पुलिस ने अकाउंटेंट और क्लर्क को गिरफ्तार कर लिया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मौदहापारा के ब्रांच मैनेजर शरद चंद्र गांगने ने स्नढ्ढक्र दर्ज कराई थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि वो 18 मई 2023 से पोस्टेड है। अगस्त 2023 में बैंक की विजिलेंस सेल ने शाखा में पोस्टेड जूनियर क्लर्क चंद्रशेखर डग्गर और रिटायर्ड अकाउंटेंट अरुण कुमार बैसवाडे के बैंक अकाउंट की जांच की। जिसमें सैलरी के जमा होने के बावजूद लाखों रुपए का लेनदेन दिखा। इस मामले में आगे की जांच करने पर 2017 से 2022 के बीच बैंक में स्नष्ठ खातों और अन्य खातों में ब्याज की हेराफेरी दिखी। जो करीब 52 लाख की थी। इसमें कई ग्राहकों के भी अकाउंट थे।
जिन्हें आरोपी अरुण बैसवाडे, चंद्रशेखर डग्गर और एक अन्य कर्मचारी संजय कुमार शर्मा की मिलीभगत से खुद के लिए इस्तेमाल किया इस मामले में धारा 420 के तहत पुलिस ने रिटायर्ड अकाउंटेंट अरुण कुमार बैसवाडे और संजय कुमार शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। मौदाहापारा पुलिस ने न्यायालय में पेश कर आरोपियों को जेल भेज दिया है।