बिलासपुर। आज 21 जून को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय, बिलासपुर में आयोजित महाप्रबंधक की प्रेसवार्ता के दौरान महाप्रबंधक द्वारा मीडिया के समक्ष दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया गया, जिसमे शामिल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से संबन्धित जानकारियाँ इस प्रकार है- दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे राष्ट्र का मालवाहक है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे भारतीय रेलवे का दूसरा सबसे अधिक माल लदान करने वाला जोन है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने 236 मिलियन टन माल लदान किया है (+10 प्रतिशत वृद्धि)।
यात्री सेवाएं
पिछले वित्तीय वर्ष में हमने अपने रेलवे के महत्वपूर्ण स्टेशनों से 08 जोड़ी नई यात्री सेवाएं शुरू की हैं तथा 06 जोड़ी ट्रेनों का विस्तार किया गया है। विभिन्न ट्रेनों को 16 स्टेशनों पर नए ठहराव दिए गए हैं। यात्रियों की भीड़ को देखते हुए पिछले वित्तीय वर्ष में 367 से अधिक अतिरिक्त कोच लगाए गए थे। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 32 अतिरिक्त कोच उपलब्ध कराए जा चुके हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए वर्ष 2023-24 में 3 और ट्रेनों में पारंपरिक आईसीएफ कोचों के स्थान पर अधिक आरामदायक और सुरक्षित एलएचबी कोचों का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही वर्ष 2023-24 में 15 ट्रेनों में थर्ड एसी इकोनॉमी कोच लगाए गए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में भारत गौरव ट्रेनों के 23 ट्रिप और आस्था स्पेशल ट्रेनों के 11 ट्रिप संचालित किए गए थे।
यात्री सुविधाएं
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यात्रियों को आसानी से टिकट उपलब्ध कराने, स्टेशन परिसर और ट्रेनों में साफ-सफाई के साथ-साथ मोबाइल से अनारक्षित टिकट, हैंड हेल्ड टर्मिनल से टिकट चेकिंग जैसी नई सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। पिछले वित्तीय वर्ष में 13 फुट ओवर ब्रिज और 09 हाई लेवल प्लेटफॉर्म का निर्माण पूरा किया गया। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 01 एफओबी उपलब्ध कराया गया है। विभिन्न स्टेशनों पर 25 लिफ्ट और 14 एस्केलेटर की सुविधा उपलब्ध है और 04 एस्केलेटर और 09 लिफ्ट लगाने का कार्य प्रगति पर है। 204 स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के लिए मुफ्त वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए 1800 करोड़ से अधिक की लागत से 47 स्टेशनों का विकास किया जा रहा है। अमृत भारत स्टेशन योजना के अलावा हमारी रेलवे के 03 स्टेशनों बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग का पुनर्विकास किया जा रहा है।
सुरक्षा
यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 25 स्टेशनों और ट्रेनों के 244 कोचों में 658 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों की मदद से आपराधिक और संदिग्ध गतिविधियों को रोकने के साथ ही स्टेशनों पर यात्रियों द्वारा छोड़े गए सामान को बरामद करने में भी मदद मिल रही है। रेलवे सुरक्षा बल ने ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ अभियान चलाकर वर्ष 2023 में 275 और 2024 में 126 बच्चों को उनके परिजनों से सकुशल मिलवाया है। ‘ऑपरेशन अमानत’ के तहत वर्ष 2023 में 2 करोड़ से अधिक मूल्य के यात्रियों के खोए सामान को वापस दिलाया गया है। वर्ष 2024 में अब तक 99 लाख से अधिक की राशि वापस दिलाई जा चुकी है। अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ ‘ऑपरेशन नार्कोस’ चलाकर वर्ष 2023 में 1.36 करोड़ और वर्ष 2024 में अब तक 1.5 करोड़ से अधिक मूल्य के मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं। महिला यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण स्टेशनों के प्लेटफार्म पर ‘अक्षिता’ सेफ बबल का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। यात्रियों, विशेषकर महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘मेरी सहेली’ अभियान शुरू किया गया है। बिलासपुर स्टेशन पर आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं।
यात्री शिकायतें
रेल मदद ऐप और हेल्पलाइन नंबर 139 तथा सोशल मीडिया के माध्यम से यात्रियों की शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा रहा है। इस उद्देश्य के लिए प्रत्येक मंडल (बिलासपुर, रायपुर और नागपुर) तथा क्षेत्रीय रेलवे मुख्यालयों पर विशेष वॉर रूम बनाए गए हैं।
आधारभूत संरचना
पिछले वित्तीय वर्ष में, हमने 143 किलोमीटर नए सेक्शन (133.3 किलोमीटर मल्टी-ट्रैकिंग, 3.8 किलोमीटर नई लाइनें और 6 किलोमीटर गेज परिवर्तन) का काम पूरा किया है, जिसमें बिलासपुर-उसलापुर आरओआर फ्लाईओवर का निर्माण किया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कुल 421 किलोमीटर का लक्ष्य रखा गया है (224 किलोमीटर मल्टी-ट्रैकिंग, 20 किलोमीटर नई लाइनें और 177 किलोमीटर गेज परिवर्तन)। अगले 9 महीनों में हम मल्टी-ट्रैकिंग कार्य करेंगे, इसमें तीन बहुत ही महत्वपूर्ण रेलखंड शामिल हैं, जिसमें (1) बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन, (2) अनूपपुर-कटनी तीसरी लाइन, (3) राजनांदगांव-नागपुर तीसरी लाइन प्रमुख है। इन कार्यों के पूरा होने से गतिशीलता में काफी सुधार होगा। हालाँकि, तब तक हम ट्रेनों की समयपालनता में सुधार लाने के लिए निम्नलिखित कार्य कर रहे हैं- एसेट विश्वसनीयता में सुधार, रिस्पोंस टाइम में सुधार, जलवायु कारकों के कारण एसेट विफलताओं के लिए तैयारी में सुधार।