रायगढ़। शहर के कोष्टापारा पैलेस रोड़ स्थित भव्य श्री गोपीनाथ जीव मंदिर में विगत 13 से 21 जून तक चतुर्दश वार्षिक महोत्सव व श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन आयोजक पं बृजेश्वर मिश्रा के सानिध्य में किया जा रहा है। व्यासपीठ पर श्री धाम वृंदावन के श्री हित वल्लभ महाराज अपने दिव्य प्रवचनों से श्रद्धालुओं को प्रतिदिन दोपहर तीन से श्री हरि इच्छा तक निहाल कर रहे हैं।
उद्धव का भ्रम मिटा
व्यासपीठ पर विराजित श्री हित वल्लभ महाराज ने विवाह महोत्सव प्रसंग पर कहा कि रुक्मिणी के भाई रुक्मणि का विवाह शिशुपाल के साथ सुनिश्चित किया था लेकिन रुक्मिणी ने संकल्प लिया था कि वह शिशुपाल को नहीं केवल गोपाल को पति के रूप में वरण करेंगे।और वह जानती थी कि शिशुपाल असत्य मार्गी है और भगवान श्री मधुसूदन सत्य मार्गी हैं। इसलिए वो असत्य को नहीं सत्य को स्वीकार कीं। वहीं रुक्मिणी के प्रेम को समझ परमात्मा श्री राधे ने भी रुक्मणी को अपनाकर उनके मनोरथ को पूरी किए इस तरह पावन अमृतमयी कथा की धारा बह रही है। जिसमें भक्तगण डूबकी लगा रहे हैं। वहीं कथा प्रसंग के अंतर्गत आज कथा स्थल में रुक्मिणी विवाह की जीवंत झांकी निकाली गई। जिसे देखकर सभी हर्षित हुए और मधुर भजन गीत – संगीत के साथ सभी श्रद्धालुगण खुशी से झूमे आज कथा प्रसंग के अंतर्गत सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष की कथा होगी।
आज होगा सुदामा चरित्र
कथा प्रसंग के अंतर्गत आज 20 को सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष व कथा विश्रांति व 21 को तुलसी वर्षा, महाआरती, संत महात्मा सेवा व 22 को श्री जगन्नाथ महाप्रभु का महा स्नान, महाभोग व महाआरती का आयोजन होगा। वहीं धार्मिक इस आयोजन को भव्यता देने में मंदिर के सभी श्रद्धालुगण जुटे हैं।
गोपीनाथ जीव मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन
