रायगढ़। ईद के बाद मुस्लिम समाज का दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार ईद उल अजहा यानी बकरीद का पर्व है। शहर में सोमवार को यह पर्व पूरी अकीदत और उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह शहर के जामा मस्जिद, घड़ी चैक व चांदमारी स्तिथ ईदगाह के अलावा सभी मस्जिदों में ईद उल अजहा की नमाज निर्धारित समय पर अदा की गई। सभी मस्जिदों में समाज के लोगों की अच्छी खासी भीड़ रही और यहां नमाज के लिए कमेटी द्वारा बेहतर इंतजाम किया गया था। वहीं नमाज अदा करने के बाद भाईचारे की मिशाल पेश करते हुए सभी एक दूसरे को गले मिल कर बकरीद की मुबारकबाद दे रहे थे। वहीं ईद उल अजहा में सेंवईयों की मिठास में लोग डूबे रहे। दोपहर से सेंवईयों का दौर शुरू हो गया और हर कोई इसकी मिठास का आनंद ले रहा था। पिछले करीब पखवाड़े भर से शहर में मुस्लिम मोहल्लो में सेंवईयों का बाजार सज गया था और जमकर इसकी खरीदी हो रही थी।
हो रही थी बकरों की खरीदी बिक्री
बकरीद के दिन परंपरानुसार बकरों की कुर्बानी भी की जाती है। इसके लिए करीब माह भर पहले से जिले में बकरों की खरीद, बिक्री की जा रही थी। हर कोई एक से बढक़र एक तंदुरूस्थ बकरा कुर्बानी के लिए लाया गया था। शहर में लगभग चालीस- पचास हजार से लाख रुपए तक के बकरों की खरीदी, बिक्री हुई। इसमें अलग अलग नस्ल के बकरे शामिल थे।
ड्यूटी पर तैनात रहे जवान
शहर के दो ईदगाह व अलग अलग सभी मस्जिदों में ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई। ऐसे में इस दौरान किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति घटती न हो इसके लिए पुलिस जवानो की ड्यूटी लगाई गई थी। ट्रेफिक व्यवस्था प्रभावित न हो इस बात का भी पूरा ध्यान रखा गया था।