रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून के प्रवेश के साथ ही बारिश की आंख-मिचौली जारी है। रायपुर सहित कई जिलों में रोज बादल छाए रहते हैं, लेकिन बिना बरसे ही निकल जाते हैं। सोमवार को भी रायपुर, दुर्ग सहित कई जिलों में सुबह से बदली छाई हुई है। बारिश नहीं होने से गर्मी बढ़ गई है, जिसके चलते स्कूलों में एक हफ्ते छुट्टियां बढ़ा दी गई है। अब स्कूल 26 जून से खुलेंगे। दूसरी ओर कांकेर में आकाशीय बिजली गिरने से युवती की मौत हो गई, जबकि 4 लोग घायल हो गए हैं। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में पिछले एक घंटे से तेज बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने आज रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग के जिलों में बारिश की संभावना जताई है। इसके बाद अगले तीन दिनों में प्रदेश के मध्य और दक्षिणी भाग में अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आएगी।
प्रदेश में मानसून की गतिविधियां कम होने के कारण लगातार गर्मी और उमस बढ़ी हुई है। कई जिलों में तापमान औसत से ज्यादा है। रविवार को पेंड्रा 40.2 डिग्री के साथ सबसे गर्म रहा यहां दिन का तापमान सामान्य से 6 डिग्री ज्यादा रहा। वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.5 डिग्री नारायणपुर में दर्ज किया गया। ग्राम थानाबोड़ी में सोमवार को तेज बारिश के बीच आकाशीय बिजली गिरने से 1 युवती की मौत हो गई, जबकि 4 लोग घायल हो गए हैं। घायलों को संजीवनी 108 से नरहरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि, सभी लोग हल्बा निवासी हृदय राम की बाड़ी में काम कर रहे थे। इसी दौरान तेज आंधी के साथ बारिश होने लगी। सभी लोग पानी से बचने के लिए बाड़ी में लगे पेड़ के नीचे चले गए। तभी पेड़ पर बिजली गिर पड़ी। चपेट में आने से तामेश्वरी सिन्हा की मौके पर मौत हो गई। वहीं बाकी घायल हो गए हैं।
रायपुर में मानसून पहुंचने में तीन से पांच दिन का समय
प्रदेश में मानसून 8 जून को बस्तर पहुंचने के बाद पिछले 8 दिनों से सुकमा और बीजापुर में थमा हुआ है। बस्तर से रायपुर पहुंचने में मानसून को तीन से पांच दिन लगना चाहिए। लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि अभी तीन से चार दिन और समय लग सकते हैं।
कोंडागांव में गाज गिरने से एक ही परिवार के 3 घायल
कोकोडी गांव में रविवार तेज बारिश हुई। इसी दौरान गांव के कुशल नेताम के घर के बाहर स्थित महुआ पेड़ पर बिजली गिरी जिससे घर के बाहर बैठे कैलाश नेताम (18), आसमती नेताम (42) वर्ष, कृष्णा नेताम (18) चपेट में आकर घायल हो गए । सभी घायलों को तत्काल निजी वाहन से फरसगांव के अस्पताल में भर्ती किया गया है।
अब तक बंगाल की खाड़ी में मजबूत सिस्टम नहीं
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से बारिश की गतिविधियां और मानसून की सक्रियता बंगाल की खाड़ी में बनने वाले सिस्टम पर निर्भर करता है। इस साल अब तक खाड़ी में कोई मजबूत सिस्टम नहीं बन पाया है। अरब सागर की ओर से मानसून लगातार आगे बढ़ रहा है। अरब सागर और पश्चिमी भारत में मानसून सक्रिय है। कुछ पूर्वी भारत में भी मानसून सक्रिय हो चुका है। मध्य भारत, पूर्वी, दक्षिण-पूर्वी हिस्से तथा छत्तीसगढ़ के मध्य और उत्तरी हिस्से में अब तक मानसून पहुंच जाना चाहिए था।
मानसून के जल्द आने का लाभ नहीं मिला
इस साल केरल और छत्तीसगढ़ में मानसून के जल्द पहुंचने का फायदा रायपुर समेत मध्य छत्तीसगढ़ को नहीं मिल पाया। केरल से मानसून को बस्तर पहुंचने में 10 दिन लगते हैं। मानसून के बस्तर में एंट्री की सामान्य तारीख 10 जून है। इस साल 8 जून को ही मानसून वहां पहुंच गया। 10 जून को बीजापुर पहुंचा। इसके बाद से पिछले छह दिनों से मानसून थम गया। हालांकि ये स्थिति पहली बार नहीं बनी है। इससे पहले बस्तर में आने के बाद मानसून को रायपुर तक की सफर तय करने में हफ्तेभर का वक्त लगता रहा है। सबसे ज्यादा वक्त 2018 में लगा था।
मानसून की आंख-मिचौली, बिजली गिरने से युवती की मौत, 4 घायल
रायपुर-दुर्ग सहित कई जिलों में बादल, पर बारिश नहीं
