रायगढ़। जन-जन के विश्वास और आराधना की देवी केलो मैया के अस्तित्व बचाने के प्रयासों की शुरुआत हो रही है रायगढ़ जिले के निवासी इसी मानसिकता में है कि वह अपने जिले की इस केलो नदी को संरक्षित,सुरक्षित और स्वच्छ देखना चाहते हैं। इसके लिए वह प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ रहे है। क्योंकि ‘केलो है तो कल है’ को चरितार्थ कर सके।
रायगढ़ बचाओ-लड़ेंगे रायगढ़ के आह्वान पर आयोजित इस कार्यक्रम में स्वस्फूर्त आमजन जुड़ा आज सुबह 7.00 से ही पुराने स्टाप डैम के पास बच्चों,पुरुषों और महिलाओं का हजूम में एकत्रित होकर ‘केलो है तो कल है’ के नारे लगा रहा था साथ में पोस्टरो में लिखा था कि ‘केलो बचाओ’ और ‘मत बेचो केलो का जल तरसेंगे आज नहीं तो कल’ के नारे लिखे थे यह नजारा केलो जल सत्याग्रह का था। उपस्थित लोगों ने रायगढ़ के पूर्व सांसद और वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नाम का ज्ञापन कलेक्टर,रायगढ़ के माध्यम से सौंपा जिसमें प्रेषित किया गया कि केलो नदी के उद्गम स्थल से समागम स्तल तक अनेकों कोयला खदान का अपशिष्ट उसके बाद उद्योगों का अपशिष्ट नालों के माध्यम से केलो नदी में आता है फिर इस नदी में फ्लाई ऐश का फेंकना जिसे रायगढ़ जिले का सिंचाई विभाग,केलो सर्वेक्षण विभाग,पर्यावरण विभाग अनदेखा कर रहा है वही जल विभाग – नगर निगम रायगढ़ के द्वारा इन सभी पर कार्रवाई के लिए जिला कलेक्टर महोदय को पत्र नहीं प्रेषित करना गंभीर पहलू है क्योंकि 17,18,19 मार्च 2024 को पंचधारी स्थित इंटेकवेल जिससे रायगढ़ शहर के निवासियों को पानी प्रदाय होता है को बंद कर करके दो दिन सैकड़ो कर्मचारियों ने सफाई की जिसके बाद पेयजल व्यवस्था बहाल हुई,नगर पालिका निगम रायगढ़ के अनेकों कचरा खाने केलो नदी के इर्द गिर्द है जिसका अपशिष्ट केलो नदी में प्रवाहित होता है तो इन कचरा खाने को तत्काल नदी से दूर तथा शहर से बाहर स्थापित किया जाए, उपरोक्त कोयला खदानें का गंदा पानी,औद्योगिक अपशिष्ट और फ्लाई ऐश के कारण से जो नुकसान केलो मैया और नागरिकों को हुआ है उसके जांच के लिए तत्काल जांच समिति बनाई जाए।यद्यपि उद्योगों के द्वारा रायगढ़ जिले में बेदर्दी से भूजल को दोहन किया जा रहा है जिस जल स्तर वृहद स्तर पर गिर रहा है में सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बनाकर जांच करवायें जो जनहित में लागू हो, इस पर यह भी उल्लेखित हो कि अब केलो नदी का जल उद्योगों को नहीं बेचा जाएगा,केलो नदी सुरक्षित,संरक्षित और स्वच्छ होकर प्रयासों के लिए नई कार्य योजना बनाई जाए और इसे हेतु समिति बनाकर कार्य किया जाय में शासन से स्वीकृत पश्चात राशि प्रदाय हो यही सार्वाधिकता और प्रारंभिकता इस जिले की है।
रायगढ़ शहर के लगभग 2000 घरों के 2 हजार लोगों के हस्ताक्षर ज्ञापन आज केलो जल सत्याग्रह स्थल पर जिला प्रशासन को सुपुर्द किया गया जिसकी प्रतिलिपि प्रदेश का आदरणीय राज्यपाल,श्रीमान मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय बिलासपुर,राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली, तथा जिले के कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक, रायगढ़ को दिया गया है।
बड़ा बड़ा सुखद यह रहा कि जिले के जागरूक जनता और केलो मैया के हितचिंतकों ने पूरी केलो नदी के अनेक तटों पर जल सत्याग्रह का समर्थन किया जिसमें पहाड़ लुडेग – लेलूंगा में स्थित उद्गम स्थल से तमनार स्थित केलो तट पर लक्ष्मीनारायण चौधरी के नेतृत्व में तथा रेगड़ा,बरलिया दनोट में अवध डनसेना और रवि यादव के नेतृत्व में झलमला में उत्तम पटेल के नेतृत्व में के साथ-साथ समागम स्थल कांदागढ़ में केलो सपूत शिव राजपूत ने अपने साथियों के साथ केलो जल सत्याग्रह का समर्थन किया।इस तहत अब यह देखना है कि अपने जिले के लिए वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय केलो नदी को प्रदूषित होने से रोकने के लिए क्या कार्ययोजना बनाते है और जनता के हितों के लिए क्या निर्णय लेते है। केलो जल सत्याग्रह स्थल पर सत्याग्रहियों के द्वारा वृक्षारोपण का कार्यक्रम आहूत था।जिसमें लगभग 12:00 बजे स्थानीय एसडीएम प्रवीण शर्मा अपने प्रशासनिक साथी और पुलिस विभाग के लोगों के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिए तदोपरांत ज्ञापन लेकर केलो नदी पर कार्य योजना बनाए जाने के लिए प्रशासन हर संभव कार्य करेगा का आश्वासन दिया तो उसके बाद सुबह 7.00 बजे चलने वाला केलो जल सत्याग्रह अभियान 1:00 बजे दोपहर के करीब स्थगित किया गया।
केलो का अस्तित्व बचाने का प्रयास
विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जोड़ा जा रहा लोगों को
