रायगढ़। शहर के चक्रधरनगर स्थित रेलवे क्रासिंग में आए दिन लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए ओवरब्रिज बनाने की कवायद शुरू हो गई है। बताया जाता है कि इसके लिए बकायदा नक्शा भी तैयार किया जा चुका है, जिसके मुताबिक यह ओवर ब्रिज वाई आकार का होगा। जैसे ही संबंधित विभाग द्वारा बनाया गया नक्शा वायरल हुआ तो चक्रधरनगर चौक स्थित छोटे-बड़े दुकानदारों के संचालकों में हलचल पैदा हो गई है और ये प्रशासन व जनप्रतिनिधि से मांग कर रहे हैं कि इस ओवर ब्रिज को चक्रधरनगर चौक से स्थातंरित कर बालसमुंद की ओर बनाया जाए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चक्रधर नगर रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर प्रस्तावित ओवर ब्रिज वाई आकार की बन रहा है। इसका एक सिरा दुर्गा चौक में पूर्व विधायक विजय अग्रवाल के कार्यालय के पास से ऊपर चढ़ते हुए चक्रधर नगर चौक तक दूसरा सिरा लगभग पीडब्ल्यूडी कार्यालय के सामने से चढ़ते हुए चक्रधर नगर चौक तक आएगा फिर यह तीसरे सिरे के रूप में रेलवे लाइन के ऊपर से होते हुए बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा के ऊपर से होते हुए जिला एवं सत्र न्यायालय एवं न्यायालयीन कर्मचारियों के लिए बने बहु मंजिला इमारत के बीच मुख्य मार्ग से होते हुए कृषि उद्यान कार्यालय तक नीचे उतर जाएगा।
यह ओवर ब्रिज वैसे तो आम जनता के लिए बनाया जा रहा है परंतु जनता इसका पूरा उपयोग नहीं कर पाएगी और लोग सर्विस रोड का ही इस्तेमाल करेंगे। क्योंकि यदि किसी को बाजार से चक्रधरनगर चौक, बंगलापारा, शासकीय स्कूल, सरला विला, सिन्धी कालोनी, संजय नगर,आना है तो उसे सर्विस रोड का ही इस्तेमाल करना होगा ठीक इसी तरह किसी को बोईरदादर की तरफ से चक्रधर नगर चौक आना है तो उसे सर्विस रोड का ही इस्तेमाल करना होगा। ठीक इसी तरह जिन लोगों को दक्षिण चक्रधर नगर से जिला न्यायालय अथवा कलेक्ट्रेट, पुलिस थाना, आयकर कार्यालय, जीएसटी कार्यालय, नगर निगम के नए ऑडिटोरियम, पंजीरी प्लांट तक आना है तो वह भी सर्विस रोड का ही इस्तेमाल करेंगे दूसरी ओर यदि उन्हें डिग्री कॉलेज होते हुए दो बड़े अस्पताल जेएमजे मॉर्निंग स्टार अथवा मेट्रो हॉस्पिटल पहुंचना है या फिर आगे लोइंग महापल्ली की ओर जाना है तो भी वह सर्विस रोड का ही इस्तेमाल करेंगे। जो लोग बाजार से ओवरब्रिज का इस्तेमाल करते हुए मेडिकल कॉलेज अथवा इन दो बड़े अस्पताल में जाना होगा तो वह कृषि कार्यालय के पास उतरकर छोटी रोड का इस्तेमाल करते हुए गुलाब गार्डन के पास जाकर या तो दाएं या फिर बाएं अपने गंतव्य की ओर जा पाएंगे इसी तरह जिन लोगों को बाजार से जिला एवं सत्र न्यायालय कलेक्ट्रेट जीएसटी इनकम टैक्स पुलिस थाना तहसील कार्यालय आना है वह कभी भी ओवर ब्रिज का इस्तेमाल नहीं करेंगे बल्कि चक्रपथ का इस्तेमाल करेंगे क्योंकि वह उन्हें ज्यादा सुविधाजनक होगा बजाय कि वह ओवरब्रिज का इस्तेमाल करके कृषि कार्यालय के पास उतरे और फिर घूम कर सर्विस रोड का इस्तेमाल करते हुए इन कार्यायलयों तक पहुंचे।
इस ओवर ब्रिज का इस्तेमाल केवल वाहन चालक ही करेंगे जबकि पैदल, रिक्शा, साइकिल, और ठेले का इस्तेमाल करने वाले भाई बंधु कभी भी इस ओवरब्रिज पर नहीं चढ़ पाएंगे और वे सर्विस रोड का ही इस्तेमाल करेंगे जैसा की वर्तमान में शहर के मध्य स्थित ओवर ब्रिज के साथ होता आया है। शहर के मध्य बने ओवर ब्रिज के कारण दर्जनों दुकानदारों को अपने व्यापार व्यवसाय की गहरी चोट लगी थी जो आज भी कायम है।
चक्रधर नगर पूरे शहर का खुला-खुला वह खूबसूरत हिस्सा है जहां पहुंचकर लोग सुकून की सांस लेते हैं यहीं पर सबसे खूबसूरत बगीचा कमला नेहरू उद्यान भी स्थित है जो अब ओवर ब्रिज के नीचे आ जाएगा यही एक ऐसा चौक है जहां शाम के समय चौपाटी का नजारा दिखता है इतना खुला होने के बावजूद शाम के समय कभी-कभी यहां की सडक़ सकरी महसूस होती है, ओवर ब्रिज बनने के बाद की कल्पना की जा सकती है।
होना तो यह चाहिए कि यहां ओवर ब्रिज की जगह अंडर ब्रिज बनाया जाए जो की रायपुर गुढिय़ारी की तर्ज पर बने यहां पर ढलान भी कुछ इस तरह की है की अंदर का पानी भी निकल कर छोटी नाली के रास्ते केलो नदी की ओर जा सकता है और जो अभी भी जाता है। यहां के व्यापारियों ने रायगढ़ विधायक एवं वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात कर उनका ध्यान आकर्षण किया है। वहीं जिला कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया है कि शताधिक व्यापारी परिवारों का गुजर बसर इस ओवर ब्रिज के बनने के बाद प्रभावित होगा। अत: इस ओवर ब्रिज को या तो बालसमुद्र के आसपास बनाया जाए ताकि भारी वाहन भी इसका लाभ उठा सके और शहर के अंदर भारी वाहन का प्रदूषण ही न हो। यहां के रहवासियों का भी मानना है कि यदि आरओ बी की जगह आरयूबी बनाया जाए तो न केवल प्रदेश शासन के करोड़ों रुपए की बचत होगी बल्कि आम जनता को भी इससे राहत मिलेगी। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि कोतरा रोड से बाल समुद्र तक मात्र 5 किलोमीटर के अंदर दो आरओ बी पहले से ही है और दो चक्रपथ है तथा रेलवे की तीन छोटी पुलिया भी है और जब शहर के चारों ओर रिंग रोड का प्रस्ताव बनेगा तो फिर दो ओवर ब्रिज और बनेगे। चक्रपथ की ऊंचाई बढ़ जाने से वैसे भी अब यह ओवर ब्रिज अप्रासंगिक प्रतीत होता है।