रायगढ़। ‘सुई-धागा’ कार्यक्रम के तहत सिलाई केंद्र के माध्यम से अब समाज की महिलाओं की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने के लिए विशेष पहल की जा रही है। जिसका लाभ समाज की महिलाओं को मिलेगा। वहीं इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण प्रमुख श्रीमती रेखा महमिया ने बताया कि ‘सुई-धागा’ इस परियोजना के तहत आज 13 जून से पूरे राष्ट्र में सिलाई केंद्र गठन करने की हमारी कोशिश हो रही है। यह हमारा स्थाई प्रोजेक्ट है। केंद्र का गठन न्यूनतम एक सिलाई मशीन से की जा सकती है। इससे हम समाज की महिलाओं की असीम क्षमता को निखार कर उन्हें सशक्त बनने का सुनहरा मौका दे सकते हैं। इसलिए इस कार्यक्रम को नव्यता दी जा रही है।
भव्यता देने में जुटे सदस्यगण
वहीं ‘सुई-धागा’ सिलाई केंद्र के कार्यक्रम को सफल बनाने में राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण प्रमुख श्रीमती रेखा महमिया, राष्ट्रीय अध्यक्ष अंजू सरावगी, राष्ट्रीय सचिव-निशा मोदी व राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण सह प्रमुख- सुधा काबरा और सभी प्रांत की महिला पदाधिकारीगण पूरे मनोयोग से समर्पित हैं।
सिलाई केंद्र बनाएंगे, रोजगार नए देंगे : श्रीमती महमिया ने
बताया कि इस कार्यक्रम को नव्यता राष्ट्रीय अध्यक्ष अंजू सरावगी, राष्ट्रीय सचिव-निशा मोदी व राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण सह प्रमुख- सुधा काबरा की विशेष पहल से किया जा रहा है ताकि समाज की महिलाएँ आत्मनिर्भर बनें। वहीं ‘सुई-धागा’ सिलाई केंद्र का गठन पे हमें ध्यान देना है यह एक स्थाईप्रोजेक्ट( स्थाईप्रोजेक्ट पर मार्किंग होता है) बना सकती हैं। वहीं उन्होंने निवेदन किया है कि सभी प्रान्त अपनी शाखाओं को बताएं की सिलाई केंद्र गठन का बहुत महत्व है व महिलाओं को रोजगार मिलता है साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाने का एक और अच्छा प्रोजेक्ट समाज की महिलाओं के समक्ष ला रहे हैं।
जीवन उत्सव का भी हो रहा आयोजन
राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण प्रमुख श्रीमती रेखा महमिया ने बताया कि अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की पहल से ‘जीवन उत्सव’ योग शिविर केंद्र का गठन भी किया गया है। जिसके अंतर्गत समाज की महिलाओं के जीवन को निरोग मय बनाने के पवित्र उद्देश्य के साथ विशेषज्ञों के सानिध्य में योग के विभिन्न प्रकार इनमें धर्म योग, हठ योग, सांख्य योग, तंत्र योग, मुद्रा योग, लय योग, अक्षर ब्रम्हा योग, कुंडलिनी योग व कर्म योग, भक्ति योग, ज्ञान योग व राज योग के अंतर्गत कई योग शैली को बताया गया है। जिससे समाज की महिलाएँ लाभान्वित हो रही हैं।